Edited By Parveen Kumar,Updated: 20 Jul, 2025 08:18 PM

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) अब बच्चों के आधार कार्ड बायोमेट्रिक अपडेट को लेकर नई योजना पर काम कर रहा है। यूआईडीएआई के सीईओ भुवनेश कुमार ने बताया कि संस्था आने वाले दो महीनों में स्कूलों के ज़रिए चरणबद्ध तरीके से यह प्रक्रिया शुरू करेगी।
नेशनल डेस्क: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) अब बच्चों के आधार कार्ड बायोमेट्रिक अपडेट को लेकर नई योजना पर काम कर रहा है। यूआईडीएआई के सीईओ भुवनेश कुमार ने बताया कि संस्था आने वाले दो महीनों में स्कूलों के ज़रिए चरणबद्ध तरीके से यह प्रक्रिया शुरू करेगी।
7 करोड़ से ज्यादा बच्चों का बायोमेट्रिक अपडेट बाकी
कुमार के मुताबिक, देश में 5 साल से ऊपर के करीब 7 करोड़ बच्चों ने अब तक अपना अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (MBU) नहीं करवाया है। यह अपडेट बच्चों की उम्र बढ़ने के साथ उनकी पहचान की सटीकता बनाए रखने के लिए जरूरी है।
स्कूलों के माध्यम से आसान प्रक्रिया
यूआईडीएआई की योजना के तहत, अभिभावकों की अनुमति से स्कूलों में बच्चों का बायोमेट्रिक डेटा अपडेट किया जाएगा। इसके लिए एक तकनीकी परीक्षण चल रहा है, जो अगले 45 से 60 दिनों में पूरा होने की उम्मीद है। प्राधिकरण का कहना है कि बच्चों तक आसानी से पहुंचने और प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए हर जिले में बायोमेट्रिक मशीनें भेजी जाएंगी, जो एक स्कूल से दूसरे स्कूल में घुमाई जाएंगी।
समय पर अपडेट जरूरी, वरना आधार हो सकता है निष्क्रिय
यूआईडीएआई के नियमों के अनुसार, यदि 7 वर्ष की उम्र तक अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट नहीं किया गया, तो आधार निष्क्रिय हो सकता है।
- 5 से 7 साल की उम्र के बीच अपडेट निशुल्क होता है।
- 7 साल की उम्र के बाद यह अपडेट कराने पर ₹100 का शुल्क देना पड़ता है।
आधार अपडेट से मिलते हैं कई फायदे
भुवनेश कुमार ने बताया कि बायोमेट्रिक अपडेट होने के बाद आधार कार्ड के ज़रिए बच्चों को स्कूल में एडमिशन, परीक्षा पंजीकरण, छात्रवृत्ति, और सरकारी योजनाओं के तहत लाभ लेने में कोई दिक्कत नहीं आती। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों के 15 वर्ष पूरे होने के बाद जो दूसरा बायोमेट्रिक अपडेट होता है, उसे भी भविष्य में इसी तरह स्कूलों और कॉलेजों के ज़रिए कराने की योजना बनाई जा रही है।
क्यों होता है बच्चों के आधार में दो बार बायोमेट्रिक अपडेट?
नवजात और छोटे बच्चों के आधार कार्ड बनाते समय उनका बायोमेट्रिक डेटा नहीं लिया जाता। इसलिए
- पहला अपडेट 5 से 7 साल की उम्र के बीच होता है।
- दूसरा अपडेट 15 साल की उम्र में किया जाता है।