अब कैशबैक पर भी टैक्स का खतरा! जरा सी लापरवाही पर आ सकता है नोटिस

Edited By Updated: 11 Aug, 2025 06:04 AM

now there is a risk of tax on cashback too

डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों के लिए ये खबर बेहद जरूरी है। जब भी आप UPI, डेबिट/क्रेडिट कार्ड या ऑनलाइन ऐप्स से पेमेंट करते हैं, तो कई बार कंपनियां आपको कैशबैक (Cashback) देती हैं। यह छोटी-छोटी रकम ₹50, ₹100 या कभी-कभी ₹5,000 तक भी हो...

इंटरनेशनल डेस्कः डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों के लिए ये खबर बेहद जरूरी है। जब भी आप UPI, डेबिट/क्रेडिट कार्ड या ऑनलाइन ऐप्स से पेमेंट करते हैं, तो कई बार कंपनियां आपको कैशबैक (Cashback) देती हैं। यह छोटी-छोटी रकम ₹50, ₹100 या कभी-कभी ₹5,000 तक भी हो सकती है।

अब तक लोग इसे बोनस या बचत का तरीका मानते थे — लेकिन अब इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) इन कैशबैक्स पर भी नजर रख रहा है।

अगर आपने कोई बड़ा कैशबैक पाया है और उसे अपनी ITR (Income Tax Return) में नहीं दिखाया, तो आपको नोटिस मिल सकता है।

कैशबैक को आय क्यों माना जा रहा है?

इनकम टैक्स के नियमों के अनुसार, अगर किसी को बड़ी रकम का कैशबैक मिलता है — जैसे:

  • इंटरनेशनल फ्लाइट की टिकट पर

  • महंगे मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक सामान पर

  • लग्जरी होटल बुकिंग पर

  • या फिर बार-बार महंगी खरीदारी करके कैशबैक कमाने की आदत

तो ऐसी रकम को "अन्य स्रोत से आय (Income from Other Sources)" माना जा सकता है। इसका मतलब है कि यह भी आपकी कमाई का हिस्सा है और उस पर टैक्स लग सकता है।

 एक सच्चा किस्सा: ₹2,500 के कैशबैक पर मिला नोटिस

मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2016 में एक निजी कंपनी में काम करने वाले रोहित सिंह को डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन पर ₹2,500 का कैशबैक मिला था। उन्होंने इसे रिटर्न में नहीं दिखाया, क्योंकि उन्हें लगा ये टैक्स के दायरे में नहीं आता।

लेकिन कुछ समय बाद उन्हें आयकर विभाग से नोटिस मिला। विभाग ने इसे "अन्य आय" मानकर सवाल उठाए। इससे यह साफ है कि छोटी सी चूक भी नोटिस की वजह बन सकती है।

कैसे बचें टैक्स नोटिस से?

  1. हर कैशबैक या रिवॉर्ड का रिकॉर्ड रखें।

  2. अगर रकम बड़ी है (₹1,000 से ऊपर), तो उसे ITR में ज़रूर दिखाएं।

  3. समय पर रिटर्न फाइल करें और सही जानकारी दें।

  4. कैश में बार-बार मोटी रकम जमा करने से बचें।

 क्या हर कैशबैक टैक्स के दायरे में आता है?

अगर आपको सिर्फ ₹50, ₹100 या ₹500 जैसे छोटे कैशबैक मिल रहे हैं, तो आमतौर पर इन्हें प्रोत्साहन (incentive) या छूट माना जाता है — यानी टैक्स नहीं लगता।

लेकिन अगर:

  • बार-बार बड़ी रकम मिल रही हो

  • आपने जानबूझकर लेन-देन बढ़ाकर कैशबैक कमाया हो

  • कैशबैक का कुल सालाना आंकड़ा हज़ारों में पहुंच रहा हो तो उस पर टैक्स लग सकता है।

 ध्यान रखें:

भले ही कैशबैक पैसा कमाने का सीधा तरीका न लगे, लेकिन अगर वह आपके खाते में आ रहा है और उसकी राशि बढ़ती जा रही है तो इनकम टैक्स विभाग उसे "कमाई" के रूप में देख सकता है। इसलिए, अब कैशबैक को सिर्फ फ्री पैसा न समझें — सावधानी जरूरी है!

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