दूध-पनीर-पिज्जा ब्रेड पर अब नहीं लगेगा टैक्स! आम लोगों और छात्रों को मिल सकती है बड़ी राहत

Edited By Updated: 30 Aug, 2025 10:02 PM

now there will be no tax on milk cheese pizza and bread

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से जीएसटी रिफॉर्म का ऐलान करते हुए कहा था कि ये सुधार दिवाली से पहले लागू हो सकते हैं। अब जीएसटी काउंसिल की बैठक अगले हफ्ते होने वाली है और उससे पहले जीएसटी स्लैब में बदलाव को लेकर एक बड़ा अपडेट...

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से जीएसटी रिफॉर्म का ऐलान करते हुए कहा था कि ये सुधार दिवाली से पहले लागू हो सकते हैं। अब जीएसटी काउंसिल की बैठक अगले हफ्ते होने वाली है और उससे पहले जीएसटी स्लैब में बदलाव को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। बता दें कि 3-4 सितंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई रोजमर्रा के सामानों को जीरो स्लैब में शामिल किया जा सकता है।

रोज़मर्रा की चीज़ें होंगी सस्ती

रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई ज़रूरी सामानों को जीरो जीएसटी स्लैब में शामिल किया जा सकता है। इसका मतलब है कि ये चीजें पूरी तरह से टैक्स-फ्री हो जाएंगी। फिलहाल, ये सामान 5% और 18% जीएसटी के दायरे में आते हैं।

खाने-पीने के सामानों पर राहत

इस बदलाव का सबसे ज़्यादा फायदा खाने-पीने की चीज़ों पर मिलेगा। उम्मीद है कि यूएचटी दूध, पैकेटबंद पनीर, पिज्जा ब्रेड और रोटी जैसे फूड प्रोडक्ट्स को जीरो जीएसटी स्लैब में लाया जा सकता है। बिज़नेस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, रेडी-टू-ईट रोटी के साथ ही पराठे को भी इस लिस्ट में शामिल किया जा सकता है, जिस पर अभी 18% जीएसटी लगता है।

शिक्षा से जुड़ी चीज़ें भी होंगी टैक्स-फ्री

खाने के सामानों के अलावा, शिक्षा से जुड़े प्रोडक्ट्स भी सस्ते हो सकते हैं। रिपोर्ट की मानें तो मानचित्र, ग्लोब, शैक्षिक चार्ट, पेंसिल-शार्पनर, प्रैक्टिस बुक, ग्राफ बुक और लैबोरेटरी नोटबुक पर लगने वाला 12% जीएसटी खत्म किया जा सकता है।

हैंडलूम और कुछ अन्य प्रोडक्ट्स पर भी बदलाव

मंत्रियों के एक समूह (GoM) ने यह सिफारिश भी की है कि हैंडलूम और कच्चे रेशम पर जीएसटी की छूट जारी रहनी चाहिए। यह फैसला बुनकरों और कारीगरों के लिए राहत भरा होगा। इसके अलावा, मक्खन, गाढ़ा दूध, जैम, मशरूम, खजूर और नमकीन जैसे प्रोडक्ट्स पर लगने वाले जीएसटी को 12% से घटाकर 5% करने का प्रस्ताव भी है।

आम आदमी और छात्रों को मिलेगी राहत

अधिकारियों का कहना है कि इन बदलावों का मकसद जीएसटी स्लैब की संख्या को कम करना और टैक्स सिस्टम को और भी आसान बनाना है। इन कदमों से आम परिवारों और छात्रों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि, इन सभी सिफारिशों पर आखिरी फैसला 3-4 सितंबर को दिल्ली में होने वाली 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया जाएगा।

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