Edited By Ravi Pratap Singh,Updated: 29 Aug, 2019 04:58 PM
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से लेकर उनकी सरकार का हर बड़ा-छोटा मंत्री भारत को गीदड़ भभकी देने में लगा हुआ है। भारत के खिलाफ अपनी बदजुबानी के लिए चर्चा में रहने वाले पाक...
नेशनल डेस्क (रवि प्रताप सिंह): जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से लेकर उनकी सरकार का हर बड़ा-छोटा मंत्री भारत को गीदड़ भभकी देने में लगा हुआ है। भारत के खिलाफ अपनी बदजुबानी के लिए चर्चा में रहने वाले पाक के रेल मंत्री शेख राशिद ने इंडिया-पाकिस्तान के बीच युद्ध की भविष्यवाणी की है।
एक कार्यक्रम में बोलते हुए राशिद ने कहा है कि अक्टुबर के आखिर या नवंबर, दिसंबर में भारत-पाक के बीच युद्ध हो सकता है। इसके लिए वह पाकिस्तानी अवाम को तैयार करने के लिए निकले हैं। यहां तक तो सब ठीक है क्योंकि इन नेताओं की सियासी जमीन तभी चमकती है, जब ये लोग भारत के खिलाफ जहर उगलते हैं। लेकिन इनको नींद से जगाने का काम मीडिया का होता है जो लोकतंत्र में चौथे स्तंभ के तौर पर पहचाना जाता है। पर पाकिस्तान के मीडिया पर नजर डाले तो वह भी अपने नदी-नालों के बरसाती पानी से ही भारत और भारतीय सरकार को उखाड़ फेंकने के सपने देख रहा है। पाकिस्तानी जनता की भलाई के मुद्दे उठाने की बजाय वह अपने जुबानी तीरों से ही भारत को घायल करने पर उतारु है।
जिस देश का सरकारी खजाना खाली पड़ा हो, जिसकी आधी-आबादी को बिजली और पीने का साफ पानी उपलब्ध ना हो, जो सरकार अपनी रोजमर्रा के खर्चों की पूर्ती के लिए दूसरे देशों की दया पर निर्भर है। वह भारत को जंग में धूल चटाने की बातें कर रहा है। वहीं, भारत ऐसी बयानबाजी में न फंसकर कूटनीतिक रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को पटखनी दे रहा है। यहीं कारण है कि रूस ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाने के मामले में भारत का समर्थन किया है। भारत में रूस के राजदूत निकोलाई कुदाशेव ने अनुच्छेद 370 हटाने को भारत का आंतरिक मामला बताया है।
वर्ष 1947 में पाकिस्तान ने अपने जन्म के साथ ही भारत से ईर्ष्या की है। हीन भावना से ग्रस्त पाक के हुकमरान शुरू से ही भारत को बर्बाद करने के सपने देखते आ रहे हैं। पाकिस्तान के 9वें प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो तो कहा करते थे कि भले ही उन्हें घास की रोटी खानी पड़े, पर भारत से हजार साल तक जंग करने के लिए तैयार हैं। इसी मानसिकता के चलते आज पाकिस्तान कंगाली की कगार पर आ पहुंचा है। हाल में गजनवी मिसाइल का परीक्षण कर उसने भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की है। लेकिन वह भूल गया है कि भारत के पास अग्नि मिसाइलों का ऐसा जखीरा मौजूद है जो पाकिस्तान समेत यूरोप तक मार करने की क्षमता रखता है जबकि उसकी गजनवी मिसाइल की मारक क्षमता महज 300 किलोमीटर है।
भारत पर चार युद्ध थोप चुके पाकिस्तान ने हर जंग में मुंह की खाई है। इन युद्धों में भारत के करीब 8733 जवान शहीद हुए, वहीं, पाक के 13896 सैनिक मारे गए, जबकि दोनों तरफ के 50 हजार सैनिक घायल हुए। भारत का रक्षा बजट जीडीपी का 2.1 फीसद यानी 58 अरब डॉलर है जबकि पाकिस्तान रक्षा बजट इसकी जीडीपी का 3.6 प्रतिशत यानी महज 11 अरब डॉलर है। भारत के सक्रिय सैनिकों की संख्या 14 लाख हैं जबकि पाकिस्तान के 6.53 लाख। भारत की वायु सेना के पास 814 लड़ाकू विमान है। वहीं, पाकिस्तान के पास 425 युद्धक विमान है। अगर नौसेना की बात करें तो भारत के पास 68 हजार नौसैनिक, 1 विमानवाहक पोत, 16 पनडुब्बी, 13 फ्रीगेट्स समेत 14 डेस्ट्रायर्स हैं। वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान के पास 37 हजार नौसैनिक, 8 पनडुब्बी समेत 9 फ्रीगेट्स हैं।
पाकिस्तान के हुकमरानों को अब यह समझना होगा कि उससे कई गुना ताकतवर और आर्थिक हैसियत रखने वाला भारत कभी युद्ध की बात नहीं करता। क्योंकि इसे विकास पथ पर कई परचम लहराने हैं। इसलिए पाकिस्तान को भारत विरोध को त्यागकर देश की खुशहाली के लिए काम करना चाहिए, ना कि जिहादी तैयार कर खुद को बर्बाद करे।