महाराष्ट्र- बारिश से बुरे हाल, पंचगंगा नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर

Edited By Updated: 07 Aug, 2020 11:41 AM

panchganga river water above danger mark in maharashtra

महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में पंचगंगा नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर है लेकिन बांध से पानी छोड़े जाने की वजह से पानी का स्तर धीर-धीरे बढ़ रहा है। अधिकारियों के अनुसार राजाराम बराज पर पंचगंगा का जलस्तर शुक्रवार सुबह 7 बजे खतरे के निशान से ऊपर,...

नेशनल डेस्कः महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में पंचगंगा नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर है लेकिन बांध से पानी छोड़े जाने की वजह से पानी का स्तर धीर-धीरे बढ़ रहा है। अधिकारियों के अनुसार राजाराम बराज पर पंचगंगा का जलस्तर शुक्रवार सुबह 7 बजे खतरे के निशान से ऊपर, 44.7 फुट के स्तर पर था। जिला आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के ड्यूटी अधिकारी ने कहा कि गुरुवार शाम करीब 4 बजे जलस्तर खतरे के निशान (43 फुट) पर पहुंच गया था। तब से राजाराम बराज पर पानी का स्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है।'' उन्होंने बताया कि जिले में लगातार हो रही बारिश अब थम गई है लेकिन रुक-रुक कर बारिश अब भी हो रही है। वहीं महाराष्ट्र में मुंबई और अन्य इलाकों में लगातार भारी बारिश के बाद राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा की।

 

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में ठाकरे ने अधिकारियों को सतर्क रहने और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि इस दौरान लोगों को कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। वहीं अधिकारी ने कहा कि राधानगरी बांध से पानी छोड़े जाने की वजह से पंचगंगा में पानी का स्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है, जो उसके जलग्रहण-क्षेत्रों में बारिश की वजह से पूरा भरा है। उन्होंने बताया कि कोल्हापुर जिले में अभी भोगावती नदी पर बने बांध के चार द्वार पानी निकालने के लिए खोल दिए गए हैं। पंचगंगा में गुरुवार को पानी का स्तर बढ़ने की वजह से जिला प्रशासन ने 23 गांवों से करीब 1750 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था।

 

जिला कलेक्टर दौलत देसाई ने कहा कि अभी तक गढ़िंगलास, पन्हाला, करवीर, गगनबावड़ा, अजारा तहसील और कोल्हापुर शहर के 23 गांवों से 1,750 परिवारों के 4,413 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए चार टीमों को कोल्हापुर जिले में तैनात किया है। सांगली जिला प्रशासन ने कहा कि उसने उन 20 गांवों में सुरक्षा किट बांटी है, जहां बाढ़ आने की आशंका अधिक है। इन किट में लाइफ जैकेट, रस्सी, टॉर्च और बैग आदि हैं। पश्चिमी महाराष्ट्र में पिछले साल भी खासकर कोल्हापुर और सांगली जिलों में मूसलाधार बारिश से काफी नुकसान हुआ था जिससे 60 से अधिक लोगों की जान गई थी।

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