सेना के बयान पर पाक सरकार की सफाई, कहा- करतारपुर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट जरूरी नहीं

Edited By Updated: 07 Nov, 2019 09:49 PM

passport is not necessary for devotees coming to kartarpur

करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं के पासपोर्ट संबंधी बयान पर पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने सेना के बयान पर सफाई पेश की है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने करतारपुर गलियारा

इस्लामाबादः करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं के पासपोर्ट संबंधी बयान पर पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने सेना के बयान पर सफाई पेश की है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने करतारपुर गलियारा का इस्तेमाल कर गुरुद्वारा दरबार साहिब आने वाले भारतीय सिख श्रद्धालुओं के लिये एक साल तक पासपोर्ट की शर्त हटा दी है। इसके उलट पाकिस्तानी सेना के एक प्रवक्ता ने पहले कहा था कि तीर्थयात्रियों को पासपोर्ट की जरूरत होगी। अपने साप्ताहिक मीडिया कार्यक्रम में विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि गुरु नानक की 550वीं जयंती के अवसर के मद्देनजर भारतीय सिखों के लिये पासपोर्ट की शर्त को एक साल के लिये हटा दिया गया है।
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फैसल ने कहा कि प्रधानमंत्री खान ने श्रद्धालुओं के आने से 10 दिन पहले पाकिस्तानी सरकार को तीर्थयात्रियों की जानकारी मुहैया कराने की आवश्यकता से भी छूट दे दी है और इसके साथ ही नौ और 12 नवंबर को आने वाले श्रद्धालुओं से 20 अमेरिकी डालर (लगभग 1400 रुपये) का शुल्क भी नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमने भारत को औपचारिक रूप से इससे अवगत करा दिया है।” इससे पहले, पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि करतारपुर साहिब आने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों को करतारपुर गलियारे का इस्तेमाल करने के लिये पासपोर्ट की जरूरत होगी। इसके बाद पासपोर्ट पर स्थिति को लेकर थोड़ा भ्रम हो गया था।
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स्थानीय मीडिया ने उन्हें उद्धृत करते हुए कहा, “सुरक्षा कारणों से, प्रवेश पासपोर्ट आधारित पहचान पर मिली अनुमति के तहत कानूनी तरीके से दिया जाएगा। सुरक्षा एवं संप्रभुता से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।” भारत ने बुधवार को पाकिस्तान से कहा था कि वह स्पष्ट करे कि करतारपुर साहिब का दौरा करने के लिये पासपोर्ट की जरूरत होगी या नहीं।
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एक नवंबर को, प्रधानमंत्री खान ने करतापुर गलियारे का निर्माण पूरा होने की ट्विटर पर घोषणा करते हुए कहा था कि उन्होंने दो शर्तों को माफ कर दिया है। इनमें से एक पासपोर्ट से जुड़ी शर्त थी जबकि दूसरी शर्त भारत से करतारपुर तीर्थयात्रा पर आने वाले सिखों द्वारा 10 दिन पहले पंजीकरण कराने से जुड़ी थी। उन्होंने कहा था कि भारत के सिख श्रद्धालुओं को करतारपुर आने के लिए पासपोर्ट की नहीं बल्कि एक वैध पहचान-पत्र की जरूरत होगी।
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करतारपुर गलियारा भारत के पंजाब स्थित डेरा बाबा नानक को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले में स्थित करतारपुर के दरबार साहिब से जोड़ेगा। यह गुरुद्वारा अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 2019 में 550वीं जयंती है। गुरु नानक देव का जन्म पाकिस्तान के ननकाना साहिब में हुआ था। फैसल ने कहा कि करतारपुर गलियारे के उद्घाटन समारोह में भारत और दुनिया के दूसरे हिस्सों से 10,000 सिख आएंगे।

 

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