पटेल पूरे कश्मीर को भारत में मिलाना चाहते थे लेकिन नेहरू ने इसकी अनुमति नहीं दी: मोदी

Edited By Updated: 31 Oct, 2025 02:44 PM

patel wanted to merge entire kashmir with india but nehru did not allow it modi

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि सरदार पटेल अन्य रियासतों की तरह पूरे कश्मीर को भारत में मिलाना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ऐसा नहीं होने दिया। गुजरात के एकता नगर में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के पास राष्ट्रीय...

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि सरदार पटेल अन्य रियासतों की तरह पूरे कश्मीर को भारत में मिलाना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ऐसा नहीं होने दिया। गुजरात के एकता नगर में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के पास राष्ट्रीय एकता दिवस परेड के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘सरदार पटेल का मानना ​​था कि इतिहास लिखने में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए बल्कि इतिहास बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।''

मोदी ने कहा, ‘‘सरदार पटेल पूरे कश्मीर का एकीकरण करना चाहते थे जैसा उन्होंने अन्य रियासतों के साथ किया था। लेकिन नेहरू जी ने उनकी इच्छा पूरी नहीं होने दी। कश्मीर का विभाजन हुआ, उसे अलग संविधान और अलग झंडा दिया गया और कांग्रेस की इस गलती का खामियाजा देश को दशकों तक भुगतना पड़ा।'' उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को ‘गुलामी की मानसिकता' अंग्रेजों से विरासत में मिली है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल ने जो नीतियां बनाईं, जो निर्णय लिए, उन्होंने नया इतिहास रच दिया। मोदी ने कहा, ‘‘आजादी के बाद सरदार पटेल ने 550 से अधिक रियासतों का भारत संघ में विलय कराने का असंभव सा लगने वाला कार्य पूरा किया। एक भारत, श्रेष्ठ भारत का विचार उनके लिए सर्वोपरि था।'' उन्होंने कहा, ‘‘सरदार पटेल ने एक बार कहा था कि उन्हें सबसे ज्यादा खुशी राष्ट्र की सेवा करने से मिलती है।

मैं अपने देशवासियों को यह संदेश देना चाहता हूं कि राष्ट्र की सेवा में खुद को समर्पित करने से बढ़कर खुशी का और कोई स्रोत नहीं है।'' प्रधानमंत्री मोदी ने विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राष्ट्र की एकता को कमजोर करने वाली हर साजिश को विफल करने का संकल्प जताते हुए कहा कि हमारी सरकार ने 2014 से नक्सलवाद और माओवाद पर निर्णायक एवं शक्तिशाली प्रहार किया है, हम इस खतरे को जड़ से मिटा देंगे।

उन्होंने कहा कि भारत ने घुसपैठ के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का फैसला किया है, हमें देश से हर घुसपैठिए को बाहर निकालने का संकल्प लेना होगा। अपने संबोधन से पहले मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस परेड का अवलोकन किया जिसमें पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की टुकड़ियों ने भाग लिया। सभी टुकड़ियों की कमान महिला अधिकारियों ने संभाली, जिनमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) जैसे अर्द्धसैनिक बल और जम्मू कश्मीर, पंजाब, असम, त्रिपुरा, ओडिशा, छत्तीसगढ़, केरल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश की पुलिस टुकड़ियां शामिल थीं।

राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की एक टुकड़ी ने भी परेड में हिस्सा लिया। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर गुजरात में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' पर शुक्रवार को पुष्पांजलि अर्पित की और वहां उपस्थित लोगों को ‘‘एकता की शपथ'' दिलाई। उन्होंने सरदार पटेल की जयंती पर 140 करोड़ भारतीयों को बधाई भी दी। मोदी के 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद से पटेल की जयंती हर साल 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनायी जाती है।

मोदी सुबह गुजरात के नर्मदा जिले में एकता नगर के निकट पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा पर पहुंचे और पुष्प अर्पित कर भारत के लौह पुरुष को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह एक निकटवर्ती स्थल के लिए रवाना हो गए, जहां उपस्थित लोगों को उन्होंने ‘‘एकता की शपथ'' दिलाई। इस वर्ष यह आयोजन और भी खास हो गया है क्योंकि राष्ट्रीय एकता दिवस परेड का आयोजन गणतंत्र दिवस परेड की तर्ज पर किया जा रहा है। 

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