POK की हुंजा घाटी के लोग जीते हैं 120 साल तक! इस जादुई तेल में छिपा है सारा राज... बड़ी-बड़ी बिमारीयों को देता है चकमा

Edited By Updated: 27 Oct, 2025 02:45 PM

people of the hunza valley in pok live up to 120years this oil holds the secret

पाकिस्तान के पीओके में स्थित हुंजा घाटी अपने लोगों की लंबी उम्र और बेहतरीन सेहत के लिए मशहूर है। यहां के लोग 120 साल तक स्वस्थ जीवन जीते हैं। इसका राज है कड़वी खुबानी का तेल, जो खुबानी के बीजों से बनता है। यह तेल जोड़ों के दर्द, स्किन और बालों की...

नेशनल डेस्क : भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान अक्सर अपनी चरमराती अर्थव्यवस्था और आतंकी गतिविधियों के चलते चर्चा में रहता है। लेकिन इसी देश का एक इलाका ऐसा भी है जो दुनिया के सबसे हेल्दी और लंबी उम्र वाले लोगों के लिए मशहूर है - हुंजा घाटी (Hunza Valley)। यह इलाका Pakistan Occupied Kashmir (PoK) में स्थित है और यहां के लोग 120 साल तक भी स्वस्थ जीवन जीते हैं। अब सवाल यह उठता है, आखिर हुंजा घाटी के लोग इतने फिट, एनर्जेटिक और लंबे समय तक बीमारियों से दूर कैसे रहते हैं? इसका जवाब किसी दवा, इंजेक्शन या महंगे इलाज में नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक तेल (Natural Oil) में छिपा है — कड़वी खुबानी का तेल (Bitter Apricot Oil)।

हुंजा घाटी - सेहत और लंबी उम्र की मिसाल

हुंजा घाटी की आबादी भले ही कम है, लेकिन यहां के लोगों की फिटनेस और सेहत को देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। यहां दिल की बीमारी, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां लगभग न के बराबर हैं। लोग रोजमर्रा की जिंदगी में कठिन शारीरिक काम करते हैं, ताजा फल-सब्जियां खाते हैं और प्रकृति के बेहद करीब रहते हैं। लेकिन इनके लंबे और स्वस्थ जीवन का असली राज है कड़वी खुबानी का तेल, जिसे यहां के लोग पीढ़ियों से इस्तेमाल करते आ रहे हैं।

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क्या है कड़वी खुबानी का तेल?

कड़वी खुबानी का तेल खुबानी के बीजों से निकाला जाता है। इन बीजों में एक खास तत्व पाया जाता है जिसे एमिग्डालिन (Amygdalin) कहा जाता है, जिसे कुछ लोग विटामिन B17 या लेट्राइल (Laetrile) के नाम से भी जानते हैं। कई शोधों में दावा किया गया है कि इसमें कैंसर-रोधी गुण (Anti-Cancer Properties) हो सकते हैं, हालांकि इसके मेडिकल फायदे को लेकर अभी तक वैज्ञानिक प्रमाण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं। फिर भी, स्थानीय लोग इसे नेचुरल मेडिसिन की तरह इस्तेमाल करते हैं और कहते हैं कि इससे उन्हें जोड़ों का दर्द, स्किन प्रॉब्लम्स और थकान जैसी दिक्कतों में काफी राहत मिलती है।

कड़वी खुबानी के तेल के अद्भुत फायदे

1. जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में आराम

हुंजा घाटी के लोगों में ठंडे मौसम में जब जोड़ों का दर्द बढ़ता है, तब कड़वी खुबानी के तेल से मालिश करते हैं। यह तेल शरीर में गहराई तक जाकर ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है और सूजन, अकड़न और दर्द को कम करता है। कई लोग इसे गठिया (Arthritis) और रूमेटाइड आर्थराइटिस जैसी समस्याओं में प्राकृतिक इलाज के तौर पर अपनाते हैं।

2. स्किन और बालों के लिए बेस्ट नेचुरल टॉनिक

इस तेल में विटामिन E, विटामिन C और ओमेगा फैटी एसिड्स जैसे पोषक तत्व होते हैं। ये तत्व स्किन को नमी, ग्लो और मजबूती प्रदान करते हैं। रेगुलर इस्तेमाल से झुर्रियां, फाइन लाइंस और स्किन एजिंग की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। बालों के लिए भी यह तेल किसी वरदान से कम नहीं है। यह बालों की जड़ों को मजबूत करता है, हेयर फॉल रोकता है और स्कैल्प में ब्लड फ्लो बढ़ाकर बालों को घना और चमकदार बनाता है। हुंजा घाटी में महिलाएं और पुरुष दोनों ही इसे नियमित रूप से बालों और स्किन की देखभाल में इस्तेमाल करते हैं।

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3. कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से सुरक्षा

स्थानीय मान्यता के अनुसार, खुबानी के बीजों में मौजूद एमिग्डालिन तत्व कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकने में मदद करता है। हालांकि वैज्ञानिकों ने इस दावे को अब तक पूरी तरह से साबित नहीं किया है, लेकिन हुंजा घाटी के लोगों में कैंसर जैसे मामलों की संख्या बेहद कम पाई गई है। इसी वजह से माना जाता है कि यह तेल उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immunity) को मजबूत बनाता है और शरीर को हानिकारक फ्री रेडिकल्स से बचाता है।

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कैसे करें कड़वी खुबानी के तेल का इस्तेमाल

मालिश के लिए: इस तेल को स्किन या जोड़ों पर हल्के हाथों से मसाज करें। इससे शरीर को गर्माहट और सुकून मिलता है, मसल्स रिलैक्स होते हैं।

बालों के लिए: सिर की जड़ों में तेल लगाकर 15–20 मिनट तक हल्के हाथों से मसाज करें। हफ्ते में 2–3 बार इस्तेमाल से बाल झड़ना कम होता है और वे मजबूत बनते हैं।

खाने में: थोड़ी मात्रा (लगभग एक चम्मच) तेल को सलाद, स्मूदी या दाल में मिलाया जा सकता है। इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है और शरीर को अंदर से एनर्जी मिलती है।

खाना पकाने में: इसका स्वाद हल्का ड्राई-फ्रूट जैसा होता है, इसलिए इसे मिठाइयों और विशेष व्यंजनों में स्वाद बढ़ाने के लिए भी उपयोग किया जाता है।

सावधानी भी जरूरी

हालांकि यह तेल प्राकृतिक है, लेकिन इसका अधिक सेवन हानिकारक हो सकता है। एमिग्डालिन तत्व शरीर में अधिक मात्रा में जाने पर साइनाइड जैसी प्रतिक्रिया कर सकता है। इसलिए इसका सेवन हमेशा कम मात्रा में और डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए। बाहरी उपयोग (जैसे मालिश, बालों या स्किन पर लगाना) बिल्कुल सुरक्षित माना जाता है।

 

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