Edited By Anu Malhotra,Updated: 10 Sep, 2025 07:33 AM
दिल्ली और आसपास के राज्यों में आई भीषण बारिश और बाढ़ का असर अब सीधे तौर पर सब्जियों की कीमतों में देखने को मिल रहा है। राजधानी की थोक मंडियों में कई हरी सब्जियों के दाम बीते एक हफ्ते में 10% से लेकर 34% तक बढ़ चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पानी...
नेशनल डेस्क: दिल्ली और आसपास के राज्यों में आई भीषण बारिश और बाढ़ का असर अब सीधे तौर पर सब्जियों की कीमतों में देखने को मिल रहा है। राजधानी की थोक मंडियों में कई हरी सब्जियों के दाम बीते एक हफ्ते में 10% से लेकर 34% तक बढ़ चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पानी तो घट रहा है, लेकिन खेतों में खड़ी फसल को जो नुकसान पहुंचा है, उसका असर अब बाजार में दिखने लगा है।
फसलें बर्बाद, सप्लाई बाधित – बढ़ी कीमतें
दिल्ली की सब्ज़ी आपूर्ति मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश से होती है। लेकिन अगस्त के मध्य से इन राज्यों में हुई भारी बारिश और बाढ़ ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। नतीजतन, फलों और सब्जियों की आमद पर असर पड़ा और थोक बाजारों में कीमतें चढ़ने लगीं।
बरसात के आंकड़े भी दिखा रहे हैं खतरनाक तस्वीर
देश में 2 जून से 8 सितंबर तक सामान्य से 9% अधिक बारिश दर्ज की गई है, जबकि पंजाब जैसे राज्य में यह सामान्य से 56% अधिक रही। हरियाणा में 48%, दिल्ली में 50%, हिमाचल में 46% और राजस्थान में 74% ज़्यादा बारिश हुई। इससे फसलें डूब गईं या सड़ गईं, जिसका सीधा असर थोक और खुदरा बाजार पर पड़ा है।
आजादपुर मंडी में हफ्तेभर में कितनी बढ़ीं कीमतें?
(रुपये प्रति क्विंटल में बदलाव – 2 से 9 सितंबर के बीच)
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सब्ज़ी
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2 सितम्बर
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9 सितम्बर
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बदलाव (%)
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टमाटर
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₹2,311
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₹2,578
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▲ 11.6%
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शिमला मिर्च
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₹2,311
|
₹2,578
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▲ 11.6%
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धनिया पत्ती
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₹4,750
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₹5,500
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▲ 15.8%
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भिंडी
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₹1,700
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₹1,700
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0%
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परवल
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₹2,000
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₹2,500
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▲ 25%
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लौकी
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₹1,200
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₹1,500
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▲ 25%
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हरी मिर्च
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₹2,500
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₹2,850
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▲ 14%
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बींस
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₹5,750
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₹6,250
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▲ 8.7%
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बैंगन
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₹1,267
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₹1,700
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▲ 34.2%
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कोहड़ा
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₹600
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₹800
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▲ 33.3%
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आलू
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₹1,240
|
₹1,240
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0%
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प्याज
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₹1,281
|
₹1,281
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0%
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खाद्य महंगाई दर पर भी पड़ेगा असर
बढ़ती सब्ज़ी कीमतें केवल थाली तक सीमित नहीं रहेंगी। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इसका असर खाद्य महंगाई दर (Food Inflation) पर पड़ेगा, जो पहले से ही ऊंचाई पर है। यदि यही रुझान बना रहा, तो आने वाले हफ्तों में सब्जियों के साथ-साथ अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमतें भी तेज़ी पकड़ सकती हैं।
रसोई का बजट बिगड़ा, आम उपभोक्ता परेशान
स्थानीय दुकानदारों और ग्राहकों का कहना है कि दामों में अचानक आई तेजी से दैनिक बजट पर असर पड़ रहा है। खासकर निम्न और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए यह स्थिति चिंता की वजह बन रही है। क्रिसिल की एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि अगस्त के महीने में पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में भारी बारिश से कृषि उत्पादन को भारी नुकसान पहुंचा है। पंजाब में दशकों बाद आई भीषण बाढ़ ने धान, पत्ता गोभी और कपास की फसल को प्रभावित किया है, जबकि राजस्थान में मक्का, बाजरा और दालों की उपज भी खतरे में बताई जा रही है।
क्या आने वाले हफ्तों में राहत की उम्मीद?
हालांकि बाढ़ का पानी उतर रहा है, लेकिन खेतों में खड़ी फसलें पहले ही खराब हो चुकी हैं। जानकारों का मानना है कि नई फसल आने में वक्त लगेगा, और तब तक कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। कुछ सब्ज़ियों में अगले पखवाड़े में और तेजी आ सकती है।