Prostate Cancer: अगर आपको भी दिख रहे हैं ये संकेत तो हो सकता है प्रोस्टेट कैंसर, तुरंत जाएं डॉक्टर के पास

Edited By Updated: 21 Sep, 2025 09:10 PM

prostate cancer if you see these signs visit doctor immediately

प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में तेजी से बढ़ती गंभीर बीमारी है, जो अक्सर बिना लक्षणों के विकसित होती है। शुरुआती संकेतों में पेशाब की आदतों में बदलाव, यूरिन या स्पर्म में खून, यौन समस्याएं, कमर या पेल्विक क्षेत्र में दर्द और रात में बार-बार पेशाब आना...

नेशनल डेस्क: प्रोस्टेट कैंसर, पुरुषों में होने वाली एक खतरनाक बीमारी है, जो अक्सर चुपचाप बढ़ती रहती है और शुरुआती चरणों में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाती। भारत में इसके मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, जिससे समय रहते पहचान और इलाज की अहमियत और भी बढ़ जाती है। जानिए प्रोस्टेट कैंसर के पांच प्रमुख लक्षण, जिन पर ध्यान देकर इस बीमारी की जल्दी पहचान की जा सकती है और उपचार संभव हो सकता है।

इस कैंसर की सबसे चिंताजनक बात यह है कि इसके शुरुआती चरणों में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाई देते। ऐसे में समय पर पहचान और जांच बेहद जरूरी हो जाती है, जिससे उपचार जल्दी शुरू किया जा सके और जीवन की संभावनाएं बढ़ाई जा सकें। आइए जानते हैं प्रोस्टेट कैंसर के पांच मुख्य शुरुआती संकेत, जिन पर पुरुषों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है-

पेशाब करने की प्रक्रिया में बदलाव

प्रोस्टेट कैंसर का सबसे पहला संकेत पेशाब करने की प्रक्रिया में बदलाव के रूप में सामने आता है। प्रोस्टेट ग्रंथि, मूत्रमार्ग (urethra) के चारों ओर स्थित होती है। इसके बढ़ने से मूत्र के बहाव में रुकावट आ सकती है। इसके लक्षणों में शामिल हैं-

- पेशाब शुरू करने या रोकने में दिक्कत

- पेशाब का बहाव कमजोर या रुक-रुक कर आना

- मूत्र त्याग के बाद बूंद-बूंद पेशाब आना

- मूत्राशय पूरी तरह खाली न होना

- रात में बार-बार पेशाब आना (Nocturia)

पेशाब या वीर्य में खून

अगर पेशाब या वीर्य में खून नजर आए, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह स्थिति हिमाचूरिया (Hematuria) और हीमाटोस्पर्मिया (Hematospermia) कहलाती है और प्रोस्टेट कैंसर या अन्य गंभीर प्रोस्टेट समस्याओं का संकेत हो सकती है।

यौन समस्याएं

प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती चरणों में यौन क्रियाओं में भी बदलाव आ सकते हैं। जैसे- 

- इरेक्शन में समस्या आना (Erectile Dysfunction)

- स्खलन के दौरान दर्द होना

- प्रोस्टेट ग्रंथि और उसके आसपास की नसें यौन क्रियाओं को नियंत्रित करती हैं। कैंसर इन कार्यों को प्रभावित कर सकता है।

कमर या जांघों में लगातार दर्द

कुछ मामलों में, प्रोस्टेट कैंसर pelvic क्षेत्र, पीठ, कूल्हों और जांघों में दर्द का कारण बन सकता है। अगर यह दर्द लगातार बना रहे या बार-बार लौटे, तो इसे गंभीरता से लेते हुए जांच करानी चाहिए।

रात में बार-बार पेशाब आना

प्रोस्टेट ग्रंथि में ट्यूमर या सूजन की वजह से ब्लैडर पर दबाव पड़ सकता है, जिससे रात में बार-बार पेशाब करने की नौबत आती है। यह नींद में खलल डाल सकता है और लंबे समय में स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

PSA एक प्रोटीन

PSA (Prostate-Specific Antigen) एक प्रोटीन होता है, जो प्रोस्टेट ग्रंथि द्वारा उत्पादित होता है। इसका रक्त परीक्षण प्रोस्टेट कैंसर की पहचान में मदद करता है। अगर PSA का स्तर सामान्य से अधिक हो, तो यह कैंसर, ग्रंथि में सूजन या संक्रमण का संकेत हो सकता है। डिजिटल रेक्टल एग्ज़ाम (DRE) के साथ मिलाकर PSA टेस्ट प्रोस्टेट कैंसर की समय पर पहचान का प्रभावी तरीका है। खासतौर से 50 साल से ऊपर के पुरुषों और जिनके परिवार में प्रोस्टेट कैंसर का इतिहास रहा हो, उन्हें नियमित रूप से यह टेस्ट करवाना चाहिए।

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