हथेली से भरकर पानी पिलाया, शरीर से बांधकर पहाड़ से उतारा... रेस्क्यू टीम ने 4 दिन बाद बचाए 4 आदिवासी बच्चे

Edited By rajesh kumar,Updated: 03 Aug, 2024 02:55 PM

rescue team saved 4 tribal children after 4 days

केरल के वायनाड में आए विनाशकारी भूस्खलन के बीच एक सुखद खबर सामने आई है। यहां वन विभाग के अधिकारियों ने एक दूरदराज आदिवासी क्षेत्र से 4 बच्चों समेत 6 लोगों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया। यह रेस्क्यू अभियान लगभग 8 घंटे चला।

नेशनल डेस्क: केरल के वायनाड में आए विनाशकारी भूस्खलन के बीच एक सुखद खबर सामने आई है। यहां वन विभाग के अधिकारियों ने एक दूरदराज आदिवासी क्षेत्र से 4 बच्चों समेत 6 लोगों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया। वायनाड के पनिया समुदाय से ताल्लुक रखने वाला यह परिवार पहाड़ी पर स्थित एक गुफा में फंस गया था, जिससे लगी एक गहरी खाई थी। परिवार में एक से चार वर्ष आयु के चार बच्चे भी थे। यह रेस्क्यू अभियान लगभग 8 घंटे चला। इस अभियान पर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि वन अधिकारियों का यह समर्पण हमें यह याद दिलाता है कि संकट की घड़ी में भी केरल की ताकत और जीवटता चमकती है।
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महिला और बच्चों को जंगल में भटकते देखा 
कलपेट्टा रेंज के वन अधिकारी के. हशीस ने बताया उन्हें बृहस्पतिवार को एक महिला और चार साल का बच्चा वन क्षेत्र के निकट मिला। उनसे पूछताछ करने पर पता चला कि तीन और बच्चे और उनका पिता एक गुफा में फंसे हुए हैं और उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं है। हशीस ने बताया कि परिवार जनजातीय समुदाय के एक विशेष वर्ग से ताल्लुक रखता है, जो आमतौर पर बाहरी लोगों से घुलना-मिलना पसंद नहीं करता।
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4 लोगों की टीम बनाई, 8 घंटे की कठिन मेहनत के बाद उन्हें निकाला
उन्होंने कहा, ‘‘वे आम तौर पर वनोंत्पादों पर निर्भर रहते हैं और उन चीजों को स्थानीय बाजार में बेचकर चावल खरीदते हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि भूस्खलन और भारी बारिश के कारण उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं बचा था।'' वन रेंज अधिकारी ने आदिवासी परिवार को बचाने के लिए चलाये गए खतरों से भरे बचाव अभियान का विवरण साझा किया। अधिकारियों ने 4 लोगों की टीम बनाई और भारी बारिश और फिसलन भरी चट्टानों के बीच से 8 घंटे की कठिन मेहनत के बाद उन्हें निकाला। फिसलन वाले चट्टानों पर चढ़ने के लिए पेड़ों से रस्सियां बांधनी पड़ीं।
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शरीर से बांधकर पहाड़ से उतारा 
उन्होंने बताया कि उन्हें भारी बारिश के बीच, फिसलन भरी और खड़ी चट्टानों पर चढ़ाई करनी पड़ी। हशीस ने कहा, ‘‘बच्चे काफी सहमे और थके हुए थे, हम जो कुछ भी साथ ले गए थे उन्हें खाने के लिए दिया। काफी समझाने-बुझाने के बाद उनके पिता हमारे साथ आने के लिए राजी हो गए। हमने बच्चों को अपने शरीर से बांध लिया और नीचे उतरना शुरू कर दिया।'' वे अट्टमाला कार्यालय में आए, जहां बच्चों को खाना खिलाया गया और कपड़े तथा जूते दिए गए। उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल उन्हें वहां रखा गया है। बच्चे अब सुरक्षित हैं।'' कैम्प तक आने में करीब 4 घंटे 30 मिनट का समय लग गया।
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मुख्यमंत्री ने वन अधिकारियों की तारीफ की
शुक्रवार को सोशल मीडिया पर, एक अधिकारी द्वारा एक बच्चे को गोद में उठाए जाने का दृश्य वायरल हो गया। वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने वन अधिकारियों की जमकर तारीफ की। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सोशल मीडिया पर, वन अधिकारियों के साहसिक प्रयास की सराहना की। हशीस के साथ, खंड वन अधिकारी बी.एस जयचंद्रन, बीट वन अधिकारी के अनिल कुमार और त्वरित प्रतिक्रिया दल ​​के सदस्य अनूप थॉमस ने आदिवासी परिवार को बचाने के लिए सात किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की। 

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