रूस तोड़ेगा अमेरिका का घमंड ! भारत को सौंपेगा अब दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य डील की कमान

Edited By Tanuja,Updated: 07 Jun, 2025 03:50 PM

russia guarantees india unprecedented control over su 57

रूस ने भारत को Su-57 लड़ाकू विमान की सोर्स कोड तक पूरी पहुंच की पेशकश की, भारत अब अमेरिका के F-35 प्रस्ताव से इसकी तुलना कर रहा है। रूस ने भारत को अपने अत्याधुनिक पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ

International Desk: रूस ने भारत को Su-57 लड़ाकू विमान की सोर्स कोड तक पूरी पहुंच की पेशकश की, भारत अब अमेरिका के F-35 प्रस्ताव से इसकी तुलना कर रहा है। रूस ने भारत को अपने अत्याधुनिक पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान Su-57E  की तकनीक के साथ एक बड़ा ऑफर दिया है। इस प्रस्ताव में न केवल विमान की आपूर्ति शामिल है, बल्कि उसके पूरे सॉफ्टवेयर सोर्स कोड तक पहुंच तकनीकी हस्तांतरण और भारत में इसका स्थानीय निर्माण भी प्रस्तावित है।यह प्रस्ताव ऐसे समय आया है जब भारत अमेरिका के F-35A स्टील्थ फाइटर को खरीदने पर भी विचार कर रहा है। अब भारत के सामने यह रणनीतिक विकल्प है कि वह रूस के प्रस्ताव को स्वीकार करे या अमेरिका के साथ जाए।


 
 रूस के प्रस्ताव में क्या है खास? 

  •   रूस भारत को Su-57E की पूर्ण सोर्स कोड एक्सेस देने को तैयार है, जिससे भारत इसमें अपने हथियार और एवियोनिक्स सिस्टम जोड़ सकेगा।
  •   यह कदम भारत को स्वदेशीकरण की दिशा में बड़ा तकनीकी लाभ देगा।
  •  रूस, भारत में इस विमान का निर्माण करने की अनुमति  भी देगा, जिससे ‘ मेक इन इंडिया ’ को बल मिलेगा।
  •  भारत इसमें अपनी मिसाइलें जैसे अस्त्र, रुद्रम * और अन्य हथियार जोड़ सकता है।
  •  

 F-35A बनाम Su-57 

  •  अमेरिका का F-35A विमान तकनीकी रूप से बहुत उन्नत माना जाता है लेकिन अमेरिका पूर्ण तकनीक साझा नहीं करता ।
  •   अमेरिका भारत को F-35 की केवल सीमित संख्या और सीमित क्षमताओं के साथ देने पर सहमत है।
  •  वहीं रूस न सिर्फ  पूरी टेक्नोलॉजी देने को तैयार है बल्कि  उत्पादन का अधिकार भी देगा।

     

भारत की रणनीतिक दुविधा
भारत का अमेरिका के साथ QUAD  जैसे रणनीतिक समझौते हैं, वहीं रूस लंबे समय से भारत का भरोसेमंद रक्षा साझेदार रहा है। इस समय भारत को यह निर्णय लेना है कि वह रणनीतिक दृष्टि से किस साझेदार पर अधिक विश्वास कर सकता है । टेक्नोलॉजी ट्रांसफर देने वाला रूस या  राजनयिक सहयोग देने वाला अमेरिका । रूस का यह प्रस्ताव भारत की सैन्य क्षमताओं को पूरी तरह आत्मनिर्भर और भविष्य के लिए तैयार बना सकता है। अमेरिका के साथ जुड़ने के राजनीतिक लाभ हैं, लेकिन तकनीकी और सामरिक आत्मनिर्भरता के लिए रूस का प्रस्ताव बेहद लुभावना है।

 

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