Edited By Tanuja,Updated: 30 Dec, 2025 08:03 PM

रूस ने अपनी परमाणु सक्षम ओरेश्निक मिसाइल प्रणाली को सक्रिय सेवा में शामिल कर लिया है। ये मिसाइलें बेलारूस में तैनात की गई हैं। यह कदम रूस-यूक्रेन शांति वार्ता के बीच उठाया गया है, जिससे तनाव और बढ़ने के संकेत मिलते हैं।
International Desk: रूस के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को घोषणा की कि उसकी परमाणु सक्षम ओरेश्निक मिसाइल प्रणाली अब आधिकारिक तौर पर सक्रिय युद्धक सेवा में शामिल हो गई है। यह घोषणा ऐसे समय पर की गई है जब रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता चल रही है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इन मिसाइलों को पड़ोसी देश बेलारूस में तैनात किया गया है, जहां इस मौके पर सैनिकों ने एक संक्षिप्त समारोह भी आयोजित किया। हालांकि, मंत्रालय ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कुल कितनी मिसाइलें तैनात की गई हैं और न ही अन्य तकनीकी विवरण साझा किए गए।
The Russian Ministry of Defense has announced that the “Oreshnik” Nuclear-Capable Hypersonic Intermediate-Range Ballistic Missile (IRBM) has entered active combat service with the Strategic Rocket Forces in Eastern Belarus. pic.twitter.com/gFm7s0oGf1
— OSINTdefender (@sentdefender) December 30, 2025
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दिसंबर की शुरुआत में ही संकेत दे दिया था कि ओरेश्निक मिसाइल को इसी महीने युद्धक सेवा में शामिल कर लिया जाएगा। शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक में पुतिन ने चेतावनी दी थी कि यदि यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगी रूस की शर्तों को खारिज करते हैं, तो मॉस्को अपनी सैन्य बढ़त को और मजबूत करेगा। यह घटनाक्रम उस वक्त सामने आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शांति समझौते को लेकर सक्रिय हैं। ट्रंप ने हाल ही में फ्लोरिडा में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात कर दावा किया कि दोनों देश शांति समझौते के पहले से कहीं ज्यादा करीब हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि महीनों से चल रही वार्ता विफल हो सकती है।
शांति वार्ता में अब भी कई अहम मुद्दे अटके हुए हैं, जिनमें सेनाओं की वापसी और रूस के कब्जे वाले ज़ापोरिज़िया परमाणु ऊर्जा संयंत्र का भविष्य शामिल है। रूस ने ओरेश्निक मिसाइल का पहली बार नवंबर 2024 में यूक्रेन के खिलाफ इस्तेमाल किया था। तब इस मिसाइल से ड्निप्रो स्थित उस फैक्ट्री को निशाना बनाया गया था, जहां सोवियत काल में मिसाइलें बनाई जाती थीं। मध्यम दूरी की ओरेश्निक मिसाइलें 500 से 5,500 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम हैं। ऐसे हथियारों पर सोवियत दौर की एक संधि के तहत प्रतिबंध था, लेकिन 2019 में अमेरिका और रूस दोनों इस संधि से बाहर हो गए थे।