Edited By Anu Malhotra,Updated: 17 Nov, 2025 12:29 PM

सऊदी अरब में सोमवार (17 नवंबर 2025) को एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। मक्का से मदीना जा रही एक यात्री बस अचानक एक डीजल से भरे टैंकर से टकरा गई। इस भीषण टक्कर में 42 भारतीय उमराह यात्री गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, यह...
नेशनल डेस्क: सऊदी अरब में सोमवार (17 नवंबर 2025) को एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। मक्का से मदीना जा रही एक यात्री बस अचानक एक डीजल से भरे टैंकर से टकरा गई। इस भीषण टक्कर में 42 भारतीय उमराह यात्री गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, यह हादसा मुफरीहाट इलाके में हुआ। बस में हैदराबाद से उमराह के लिए निकले पुरुष, महिलाएं और बच्चे सभी सवार थे।
इस दुर्घटना ने न केवल परिवारों को सदमा पहुंचाया है, बल्कि सवाल खड़े किए हैं कि ऐसे हादसों के बाद परिवारों को किस तरह की आर्थिक मदद मिलती है। खासकर, उमराह यात्रियों के लिए सऊदी अरब की बीमा व्यवस्था और भारत सरकार की सहायता क्या-क्या है, यह जानना अहम है।
उमराह वीजा के साथ मिलता है अनिवार्य बीमा
सऊदी अरब में हर उमराह यात्री के लिए एक अनिवार्य बीमा सुविधा लागू है। इसे अलग से खरीदने की जरूरत नहीं होती, बल्कि वीजा जारी होने के साथ ही यह पॉलिसी अपने आप सक्रिय हो जाती है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मक्का और मदीना आने वाले यात्री किसी भी दुर्घटना, अस्पताल भर्ती या आपात स्थिति में आर्थिक सुरक्षा के साथ सुरक्षित रहें।
बीमा पॉलिसी 30 दिनों तक वैध रहती है और इसके तहत किसी भी चिकित्सा आपातस्थिति, दुर्घटना या गंभीर बीमारी का खर्च पूरा कवर होता है।
मौत की स्थिति में बीमा राशि
सबसे अहम बात यह है कि अगर कोई यात्री सऊदी अरब में अपनी जान गंवाता है, तो यह बीमा परिवार को SR 100,000 (लगभग 22 लाख रुपये) तक का भुगतान करता है। सऊदी कानून के अनुसार, हज या उमराह के दौरान मृतक का अंतिम संस्कार आम तौर पर वहीं होता है। बावजूद इसके, बीमा राशि सीधे परिवार को जारी की जाती है। यह राशि बीमा प्रदाता कंपनियों जैसे तवुनिया के माध्यम से दी जाती है।
भारत सरकार की मदद
सिर्फ सऊदी अरब का बीमा ही नहीं, भारत सरकार भी अपने नागरिकों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करती है। विदेश में यात्रा या काम के दौरान किसी भारतीय की मृत्यु होने पर 10 लाख रुपये तक का बीमा दिया जाता है। इसमें मृतक का पार्थिव शरीर भारत वापस भेजने का खर्च भी शामिल होता है, जो परिवारों के लिए आर्थिक और मानसिक राहत का काम करता है।