Edited By Mehak,Updated: 20 Jul, 2025 01:17 PM

सऊदी अरब के Sleeping Prince अल वलीद बिन खालिद बिन तलाल अल सऊद का 20 साल तक कोमा में रहने के बाद निधन हो गया। वह सिर्फ 15 साल के थे जब लंदन में एक हादसे का शिकार हुए और इसके बाद कभी होश में नहीं आ सके। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन...
नेशनल डेस्क : सऊदी अरब के Sleeping Prince अल वलीद बिन खालिद बिन तलाल अल सऊद का 20 साल तक कोमा में रहने के बाद निधन हो गया। वह सिर्फ 15 साल के थे जब लंदन में एक हादसे का शिकार हुए और इसके बाद कभी होश में नहीं आ सके। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली।
पिछले दो दशकों में दुनिया के बेहतरीन न्यूरोलॉजिस्ट, अमेरिका और स्पेन के विशेषज्ञों ने उनका इलाज किया। कई बार उनके शरीर में हल्की प्रतिक्रियाएं दिखीं, जैसे आंखों की हलचल या कुरान की तिलावत सुनकर हल्की प्रतिक्रिया देना, जिससे लोगों को थोड़ी उम्मीद मिलती थी कि शायद एक दिन वह जाग जाएंगे।
उनके पिता प्रिंस खालिद बिन तलाल ने कभी हार नहीं मानी। डॉक्टरों ने बार-बार सलाह दी कि बेटे को वेंटिलेटर से हटा दिया जाए, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से साफ मना कर दिया। उनका कहना था कि जीवन और मृत्यु का फैसला सिर्फ अल्लाह करता है। पिता का यह अटूट विश्वास और बेटे के लिए उनका समर्पण लोगों के लिए एक बड़ी मिसाल बन गया। प्रिंस खालिद हर दिन अपने बेटे के पास बैठते, उसके लिए दुआ करते और कुरान पढ़ते रहे।
जब उनके निधन की खबर सामने आई तो सोशल मीडिया पर भावनाओं की लहर दौड़ गई। #SleepingPrince ट्रेंड करने लगा। हजारों लोगों ने श्रद्धांजलि दी और उनके पिता के अडिग प्रेम और उम्मीद को सलाम किया। एक यूजर ने लिखा, '20 साल तक उम्मीद और हिम्मत की मिसाल बने रहे, अलविदा स्लीपिंग प्रिंस। यह सिर्फ एक राजकुमार की कहानी नहीं, बल्कि एक पिता के अटूट प्रेम की कहानी है।' उनका जीवन और लंबा संघर्ष इस बात की याद दिलाता है कि उम्मीद, विश्वास और प्यार किसी भी हालात में इंसान को मजबूत बनाए रखते हैं।