Edited By Tanuja,Updated: 18 Dec, 2025 05:51 PM

चीन की राजधानी बीजिंग में गुरुवार को घनी धुंध छा गई और वायु गुणवत्ता सूचकांक 215 तक पहुंच गया, जिसे बेहद अस्वास्थ्यकारी माना जाता है। वर्षों के प्रदूषण-नियंत्रण अभियानों के बाद एक्यूआई का यूं बढ़ना दुर्लभ घटना है।
Bejing: भारत की राजधानी दिल्ली के वायु प्रदूषण पर चुटकियां ले रहा चीन अरबों रुपए खर्च फिर स्मॉग की चपेट में है। चीन की राजधानी बीजिंग में बृहस्पतिवार को धुंध छाई रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बढ़कर 215 पर पहुंच गया, जो “बेहद अस्वास्थ्यकारी” स्तर माना जाता है। बीजिंग में वर्षों तक हवा साफ करने के लिए अभियान चलाया गया, जिसके बाद प्रदूषण इतनी तेजी से बढ़ना दुर्लभ माना जा रहा है। चीन की राष्ट्रीय वेधशाला ने बुधवार को ‘येलो अलर्ट' जारी करते हुए देश के कुछ हिस्सों में भारी धुंध फैलने का पूर्वानुमान जताया है।
कुछ दिन पहले चीन ने कहा था कि भारत वायु प्रदूषण के खिलाफ युद्ध पर उससे सीख ले सकता है। क्योंकि बीजिंग 'स्मॉग कैपिटल' से एक साफ, स्वस्थ शहर बन गया। भारत उन नीतियों, लागू करने के तरीकों और तालमेल से सबक ले सकता है जिनसे चीन में यह बदलाव आया। वेधशाला ने कहा कि हेबेई, बीजिंग, तियानजिन, हेनान, अनहुई, जियांग्सू, हुबेई, सिचुआन बेसिन और चोंगचिंग में बृहस्पतिवार को भारी धुंध छाई रहने का पूर्वानुमान है। बीजिंग में प्रदूषित वायु गुणवत्ता के साथ धुंध इन दिनों कम ही देखने को मिलती है, जबकि पहले यहां भारी प्रदूषण देखा जाता था।
सरकार ने 2016 में कई कदम उठाए थे, जिनमें भारी प्रदूषण का कारण बनने वाले उद्योगों को बंद करना और उन्हें स्थानांतरित करना शामिल था। इसके लिए अरबों डॉलर खर्च किए गए। अधिकारियों का कहना है कि सर्दी के दौरान शहर में कोयले से चलने वाली सार्वजनिक हीटिंग व्यवस्था की जगह प्राकृतिक गैस या बिजली से चलने वाली हीटिंग व्यवस्था अपनाई गई, जिसके लिए एक अरब डॉलर से अधिक धनराशि खर्च की गई और इस प्रकार प्रदूषण स्तरों को कम करने में मदद मिली।