सुप्रीम कोर्ट का पुलिस को सख्त निर्देश, सेक्स वर्कर्स के साथ न करें दुर्व्यवहार...सम्मान पाना सभी का अधिकार

Edited By Updated: 26 May, 2022 02:25 PM

sc strict instructions to police

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पुलिस बलों को सेक्स वर्कर्स और उनके बच्चों के साथ सम्मान के साथ व्यवहार करने और मौखिक या शारीरिक रूप से दुर्व्यवहार नहीं करने का निर्देश दिया है।

नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पुलिस बलों को सेक्स वर्कर्स और उनके बच्चों के साथ सम्मान के साथ व्यवहार करने और मौखिक या शारीरिक रूप से दुर्व्यवहार नहीं करने का निर्देश दिया है। जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ ने कई निर्देश जारी करते हुए कहा कि इस देश में सभी व्यक्तियों को जो संवैधानिक संरक्षण प्राप्त हैं, उसे उन अधिकारियों द्वारा ध्यान में रखा जाए जो अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम 1956 के तहत कर्तव्य निभाते हैं। पीठ ने कहा कि यौन उत्पीड़न की पीड़ित किसी भी यौनकर्मी को कानून के अनुसार तत्काल चिकित्सा सहायता सहित यौन उत्पीड़न की पीड़िता को उपलब्ध सभी सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए।

 

पीठ ने कहा कि यह देखा गया है कि सेक्स वर्कर्स के प्रति पुलिस का रवैया अक्सर क्रूर और हिंसक होता है। ऐसा लगता है कि वे एक वर्ग हैं जिनके अधिकारों को मान्यता नहीं है। पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सेक्स वर्कर्स के अधिकारों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए जिन्हें सभी नागरिकों को संविधान में प्रदत्त सभी बुनियादी मानवाधिकार और अन्य अधिकार प्राप्त हैं। पुलिस को सभी यौनकर्मियों के साथ सम्मान के साथ व्यवहार करना चाहिए और उनके साथ मौखिक और शारीरिक दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए, उनके साथ हिंसा नहीं करनी चाहिए या उन्हें किसी भी यौन गतिविधि के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए।''

 

अदालत ने यह भी कहा कि भारतीय प्रेस परिषद से मीडिया के लिए उचित दिशा-निर्देश जारी करने का आग्रह किया जाना चाहिए ताकि गिरफ्तारी, छापेमारी और बचाव अभियान के दौरान यौनकर्मियों की पहचान उजागर न हो, चाहे वे पीड़ित हों या आरोपी हों और ऐसी किसी भी तस्वीर का प्रसारण या प्रकाशन नहीं हो जिसके परिणामस्वरूप उनकी पहचान का खुलासा हो। इसने राज्य सरकारों को आश्रय गृहों का सर्वेक्षण करने का भी निर्देश दिया ताकि वयस्क महिलाओं को उनकी इच्छा के विरुद्ध हिरासत में लेने के मामलों की समीक्षा की जा सके और समयबद्ध तरीके से रिहाई के लिए कार्रवाई की जा सके। शीर्ष अदालत ने सेक्स वर्कर्स के पुनर्वास के लिए गठित एक समिति की सिफारिशों पर यह निर्देश दिया। शीर्ष अदालत उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें covid-19 महामारी के कारण यौनकर्मियों द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं को उठाया गया था।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!