वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी: कोरोना से उबरने के बाद भी महिलाओं की नसों पर मंडरा रहा है खतरा

Edited By Updated: 18 Aug, 2025 06:30 PM

scientists warn even after recovering from corona women s nerves are at risk

कोविड-19 संक्रमण से खासकर महिलाओं में रक्त वाहिकाओं की उम्र लगभग पांच साल बढ़ सकती है। एक नए अध्ययन में यह जानकारी दी गई है। यह प्रभाव उन महिलाओं में ज़्यादा पाया गया, जिन्होंने कोविड-19 से उबरने के बाद भी लगातार लक्षणों का अनुभव किया-जिसे मुख्य रूप...

नेशनल डेस्क: कोविड-19 संक्रमण से खासकर महिलाओं में रक्त वाहिकाओं की उम्र लगभग पांच साल बढ़ सकती है। एक नए अध्ययन में यह जानकारी दी गई है। यह प्रभाव उन महिलाओं में ज़्यादा पाया गया, जिन्होंने कोविड-19 से उबरने के बाद भी लगातार लक्षणों का अनुभव किया-जिसे मुख्य रूप से 'लॉन्ग कोविड' कहा जाता है। इसमें सांस लेने में तकलीफ और थकान जैसी दिक्कतें होती हैं। ‘यूनिवर्सिटी पेरिस सिटी', फ्रांस की प्रमुख शोधकर्ता रोज़ा मारिया ब्रूनो ने कहा, "महामारी के बाद से, हमने जाना है कि (कोरोना वायरस) से संक्रमित कई लोगों में ऐसे लक्षण रह जाते हैं जो महीनों या सालों तक रह सकते हैं। हालांकि, हम अब भी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि शरीर में ऐसा क्या होता है जिससे ये लक्षण पैदा होते हैं।"

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‘यूरोपियन हार्ट जर्नल' में प्रकाशित इस अध्ययन में ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील और यूरोप सहित 16 देशों के लगभग 2,400 लोगों पर अध्ययन किया गया, जिनमें से लगभग आधी महिलाएं थीं। शोधकर्ताओं ने कहा कि उम्र बढ़ने के साथ रक्त वाहिकाएं सख्त हो जाती हैं, लेकिन कोविड-19 संक्रमण इस प्रक्रिया को तेज कर सकता है और स्ट्रोक और दिल के दौरे सहित हृदय रोग विकसित होने का जोखिम बढ़ा सकता है। अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों की रक्त वाहिकाओं की उम्र को एक उपकरण का उपयोग करके मापा गया, जो यह देखता है कि रक्तचाप की लहर कितनी तेजी से कैरोटिड धमनी (गर्दन में) और ऊरु धमनियों (पैरों में) के बीच पहुंचती है। ज़्यादा मान रक्त वाहिकाओं की ज़्यादा कठोरता और उम्र बढ़ने का संकेत देता है। ये माप कोविड-19 संक्रमण के छह महीने बाद और फिर 12 महीने बाद लिए गए।

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अध्ययन में कहा गया, "महिलाओं में (नाड़ी तरंग वेग) अंतर महत्वपूर्ण था, लेकिन पुरुषों में नहीं। कोरोना वायरस से संक्रमित महिलाओं में, लगातार लक्षण उच्च (नाड़ी तरंग वेग) से जुड़े थे।" कोविड-19 रक्त वाहिकाओं को कैसे प्रभावित करता है, इस बारे में ब्रूनो ने कहा कि रोग पैदा करने वाला वायरस "शरीर में विशिष्ट रिसेप्टर्स पर कार्य करता है, जिन्हें एंजियोटेंसिन-परिवर्तित एंजाइम 2 रिसेप्टर्स कहा जाता है, जो रक्त वाहिकाओं की परत पर मौजूद होते हैं।" ‘यूरोपियन हार्ट जर्नल' में प्रकाशित एक संबंधित संपादकीय में, अमेरिका के हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के शोधकर्ताओं ने लिखा, "हालांकि कोविड-19 महामारी का बड़ा खतरा कम हो गया है, लेकिन इसके बाद एक नयी चुनौती सामने आई है: पोस्ट-एक्यूट कोविड-19 सिंड्रोम।" शोधकर्ताओं ने कहा, "कोविड-19 ने हमारी रक्त वाहिकाओं को बूढ़ा कर दिया है, विशेष रूप से वयस्क महिलाओं के लिए। सवाल यह है कि क्या हम भविष्य में संक्रमण के बढ़ने पर इसे रोकने के लिए परिवर्तनीय लक्ष्य पा सकते हैं, और कोविड-19 के कारण पीड़ित लोगों में प्रतिकूल परिणामों को कम कर सकते हैं।"

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