Edited By Anu Malhotra,Updated: 05 Jul, 2022 11:19 AM
महाराष्ट्र में बनी नई शिंदे सरकार ने कल फ्लोर टेस्ट भी पास कर लिया है, इसके साथ ही शिवसेना के मुखपत्र सामना में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर जमकर निशाना साधा गया।
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र में बनी नई शिंदे सरकार ने कल फ्लोर टेस्ट भी पास कर लिया है, इसके साथ ही शिवसेना के मुखपत्र सामना में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर जमकर निशाना साधा गया। सामना में लिखा है कि जिन्हें लगता है कि बहुमत परीक्षण जीतने के कारण अगले 6 महीने तक इस सरकार को कोई खतरा नहीं है तो वो लोग भ्रम में हैं, क्योंकि सत्ता हमेशा किसी के पास नहीं रही है। सामना ने कहा कि बीजेपी के लोग ही इस सरकार को गिराएंगे और महाराष्ट्र को मध्यावधि चुनाव की खाई में धकेल देंगे।
इसके अलावा सामना में कहा गया कि हिंगोली के विधायक संतोष बांगर विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव तक शिवसेना के पक्ष में खड़े थे, 24 घंटों में ऐसा क्या हो गया कि विश्वास मत प्रस्ताव के समय ये ‘निष्ठावान’ शिंदे कैंप में शामिल हो गए।
बहुमत परीक्षण के समय बीजेपी समर्थित शिंदे समूह को 164 विधायकों ने समर्थन दिया और विरोध में 99 मत पड़े जबकि कांग्रेस, राष्ट्रवादी के कुछ विधायक बहुमत परीक्षण के समय अनुपस्थित रहे। अशोक चव्हाण, विजय वडेट्टीवार जैसे वरिष्ठ मंत्री विधानसभा नहीं पहुंच सके, इस पर हैरानी होती है। देवेंद्र फडणवीस ने बहुमत परीक्षण सफल बनानेवाली अदृश्य शक्तियों का आभार माना है।
सामना में कहा गया कि शिंदे कितने मजबूत, महान नेता हैं इस पर उन्होंने भाषण दिया, परंतु फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से रोकनेवाली अदृश्य शक्ति कौन है? यह सवाल अभी तक खड़ा है। विधानसभा में भाजपा व शिंदे गुट ने विश्वास मत प्रस्ताव पास करा लिया, यह चुराया हुआ बहुमत है। यह कोई महाराष्ट्र की 11 करोड़ जनता का विश्वास नहीं है।
सामना में आगे कहा कि मैं फिर आया और औरों को भी साथ लेकर आया, ऐसा बयान इस मौके पर देवेंद्र फडणवीस ने दिया, जो कि मजेदार है, जिस तरह से वे आए, वह उनके सपने में भी नहीं रहा होगा, पहले के ढाई साल वे आए ही नहीं और अभी भी दिल्ली की जोड़-तोड़ से वे लंगड़े घोड़े पर बैठे हैं। एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं, ये उन्हें भूलना नहीं चाहिए।