अंतरिक्ष यान को पानी में क्यों उतारा जाता है और रात का वक्त ही क्यों चुना जाता है? शुभांशु शुक्ला की वापसी से जुड़ा विज्ञान, जानिए

Edited By Updated: 15 Jul, 2025 04:57 PM

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भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आए हैं। चारों अंतरिक्ष यात्री ड्रैगन अंतरिक्ष यान से कैलिफोर्निया के तटीय क्षेत्र में सुरक्षित रूप से उतरे।...

नेशनल डेस्क : भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आए हैं। चारों अंतरिक्ष यात्री ड्रैगन अंतरिक्ष यान से कैलिफोर्निया के तटीय क्षेत्र में सुरक्षित रूप से उतरे। ड्रैगन यान के पैराशूट खुले और फिर पानी में स्प्लैशडाउन हुआ, जिससे उनका सुरक्षित आगमन सुनिश्चित हुआ।

अंतरिक्ष यान पानी में क्यों उतरता है?

अंतरिक्ष यान को पानी में उतारने की सबसे बड़ी वजह यह है कि पानी प्राकृतिक कुशन का काम करता है। पानी में लैंडिंग ज़मीन की तुलना में ज्यादा सुरक्षित और सॉफ्ट होती है। इसके अलावा, समुद्र में उतरने से लैंडिंग पॉइंट में थोड़ी गलती होने पर भी कोई बड़ा खतरा नहीं रहता, जबकि ज़मीन पर यह जोखिम अधिक होता है। इसी कारण से अंतरिक्ष एजेंसियां पानी में उतरना पसंद करती हैं।

स्प्लैशडाउन तकनीक भारी और जटिल लैंडिंग गियर की जरूरत को भी खत्म कर देती है, जिससे यान हल्का बनता है और पुनः प्रवेश के दौरान संरचनात्मक नुकसान की संभावना कम होती है। NASA ने अपनी मर्करी, जेमिनी और अपोलो मिशनों में इस तकनीक का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया है। हाल ही में अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की पृथ्वी वापसी भी इसी तरीके से हुई थी।

रात में स्प्लैशडाउन क्यों होता है?

हालांकि स्प्लैशडाउन किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन अधिकांश मामलों में इसे रात में ही किया जाता है। इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण हैं। रात के समय वायुमंडल में तापमान और मौसम की स्थिति अनुकूल होती है। सूरज की किरणों के अभाव में वायुमंडलीय अस्थिरता कम होती है, जिससे यान की पृथ्वी में पुनः प्रवेश (री-एंट्री) अधिक नियंत्रित और सुरक्षित हो पाती है। इसके अलावा, समुद्र की सतह पर रात के समय हवाएं कम होती हैं, जिससे स्प्लैशडाउन अधिक सटीक और स्थिर होता है।

स्पेस मिशनों को पृथ्वी की घूर्णन गति और यान की कक्षा के अनुसार नियंत्रित किया जाता है। कई बार सही समय और स्थान पर उतरना केवल रात में ही संभव होता है, खासकर जब यान ISS से वापस आ रहा हो। इसके अलावा, रात के समय रिकवरी टीम उच्च तकनीकी थर्मल कैमरे, नाइट विजन और लोकेशन ट्रैकिंग उपकरणों के माध्यम से यान को सुरक्षित रूप से खोज कर निकालती है। इससे आम लोगों की भीड़ और अनचाहे हस्तक्षेप से भी बचाव होता है। इस प्रकार, शुभांशु शुक्ला और उनके साथियों की सुरक्षित वापसी के पीछे वैज्ञानिक और तकनीकी कारण हैं, जो रात में समुद्र में स्प्लैशडाउन को प्राथमिकता देते हैं।

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