Edited By Sahil Kumar,Updated: 22 Dec, 2025 07:35 PM

सोने की रिकॉर्ड तेजी के बाद चांदी ने बाजार को चौंकाते हुए नया ऑलटाइम हाई बना लिया है। MCX पर चांदी में तेज उछाल दर्ज की गई, जबकि सोने में भी मजबूती बनी रही। ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, सेफ हैवेन डिमांड और सोलर, ईवी व ग्रीन एनर्जी सेक्टर से मजबूत...
नेशनल डेस्कः सोने की रिकॉर्ड तेजी के बीच चांदी ने अचानक बाजार का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। एक ही दिन में आई जोरदार उछाल के साथ चांदी ने नया ऑलटाइम हाई बना लिया, जिससे निवेशकों और बाजार विशेषज्ञों के बीच हलचल तेज हो गई है। यह तेजी सिर्फ सेफ हैवेन डिमांड तक सीमित नहीं मानी जा रही, बल्कि इसके पीछे वैश्विक आर्थिक संकेत, ब्याज दरों को लेकर उम्मीदें और मजबूत औद्योगिक मांग जैसे बड़े कारण भी बताए जा रहे हैं।
सोने के बाद चांदी की ओर बढ़ा निवेशकों का रुझान
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद अब निवेशकों का फोकस तेजी से चांदी की ओर शिफ्ट होता दिख रहा है। अमेरिका में ब्याज दरों में आगे और कटौती की उम्मीदों ने कीमती धातुओं को मजबूती दी है। आमतौर पर जब ब्याज दरें घटती हैं, तो गैर-ब्याज देने वाली संपत्तियां जैसे सोना और चांदी ज्यादा आकर्षक हो जाती हैं। इसी वजह से सेफ हैवेन के तौर पर इन धातुओं की मांग में तेजी आई है।
MCX पर चांदी ने बनाया नया रिकॉर्ड
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर मार्च एक्सपायरी वाली चांदी में सोमवार को करीब 2.39 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। शुरुआती कारोबार में यह लगभग 2,13,412 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेड कर रही थी और इसी दौरान इसने 2,13,844 रुपये प्रति किलोग्राम का अब तक का सबसे ऊंचा स्तर छू लिया। जानकारों के मुताबिक, यह तेजी सिर्फ घरेलू कारणों तक सीमित नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में मजबूत रुझान का भी सीधा असर है।
सोने में भी मजबूती
चांदी के साथ-साथ सोने में भी मजबूती बनी हुई है। फरवरी फ्यूचर डिलीवरी वाला सोना करीब 0.77 फीसदी की बढ़त के साथ 1,35,224 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया। हालांकि, रफ्तार के मामले में चांदी ने सोने को पीछे छोड़ दिया है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि सोने के महंगा हो जाने के बाद निवेशकों का एक वर्ग अब चांदी को वैकल्पिक सेफ हैवेन के तौर पर देख रहा है।
औद्योगिक मांग
चांदी की कीमतों में आई इस तेजी के पीछे सिर्फ निवेश मांग ही नहीं, बल्कि मजबूत औद्योगिक मांग भी एक बड़ी वजह है। सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और ग्रीन एनर्जी से जुड़े क्षेत्रों में चांदी का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है। वैश्विक स्तर पर एनर्जी ट्रांजिशन और क्लीन एनर्जी पर बढ़ते जोर के चलते चांदी की खपत में तेज इजाफा हुआ है। सीमित सप्लाई के बीच बढ़ती मांग ने कीमतों को और ऊपर धकेला है।
बाजार आंकड़ों के अनुसार, संस्थागत निवेशक, हेज फंड्स और ETF निवेशक चांदी में आक्रामक खरीदारी कर रहे हैं। इसके साथ ही ज्वैलरी और औद्योगिक उपयोग के लिए भी मांग मजबूत बनी हुई है। घरेलू बाजार में भी निवेशक सोने के मुकाबले अपेक्षाकृत सस्ती नजर आ रही चांदी को लॉन्ग टर्म निवेश के विकल्प के तौर पर देख रहे हैं। यही वजह है कि हर गिरावट पर चांदी में खरीदारी देखने को मिल रही है।