Edited By Tanuja,Updated: 07 Sep, 2024 05:26 PM
सिंगापुर की बड़ी रियल एस्टेट और निवेश कंपनी CapitaLand Investment के ग्रुप CEO ली ची कून ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हाल ही में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद भारत में अपने निवेश को लेकर ...
International Desk: सिंगापुर की बड़ी रियल एस्टेट और निवेश कंपनी CapitaLand Investment के ग्रुप CEO ली ची कून ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हाल ही में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद भारत में अपने निवेश को लेकर बड़े लक्ष्य की घोषणा की। यह बैठक सिंगापुर में आयोजित की गई थी, जिसमें कई प्रमुख बिज़नेस लीडर शामिल हुए थे। ली ची कून ने भारत की स्थिर सरकार और निरंतर किए जा रहे आर्थिक सुधारों की सराहना करते हुए कहा कि इन नीतियों ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है।
ली ची कून ने बताया कि CapitaLand Investment भारत को एक प्रमुख बाजार के रूप में देख रही है, खासकर देश की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और शहरीकरण को ध्यान में रखते हुए। उन्होंने कहा कि भारत में बढ़ते शहरीकरण, अवसंरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) विकास, और रियल एस्टेट सेक्टर की वृद्धि ने उन्हें यहां दीर्घकालिक निवेश करने के लिए प्रेरित किया है। CapitaLand का लक्ष्य है कि वह अगले कुछ वर्षों में भारत में अपने फंड्स को दोगुना से भी ज्यादा कर दे। फिलहाल CapitaLand Investment ने भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में लगभग 3.3 बिलियन सिंगापुर डॉलर का निवेश किया हुआ है। यह निवेश भारत के विभिन्न शहरों में कॉमर्शियल, आवासीय, और औद्योगिक प्रोजेक्ट्स में किया गया है। ली ची कून ने बताया कि कंपनी अब इन निवेशों को और बढ़ाकर भारत में अपना विस्तार करना चाहती है।
ली ची कून ने भारत में किए गए आर्थिक और व्यापारिक सुधारों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भारत की नई पॉलिसीज़ और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर योजनाएं वैश्विक कंपनियों के लिए निवेश को और आकर्षक बना रही हैं। CapitaLand को विश्वास है कि इन सुधारों से उन्हें भारत में मुनाफा और विकास की बेहतर संभावनाएं मिलेंगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक में व्यापार विश्व नेताओं से कहा कि भारत में व्यापार करने के अवसर अब पहले से कहीं बेहतर हैं। उन्होंने भारत की डिजिटल क्रांति, मेक इन इंडिया, और आत्मनिर्भर भारत जैसी योजनाओं का जिक्र किया, जो विदेशी कंपनियों के लिए बेहतर मंच तैयार करती हैं। इस बैठक का उद्देश्य सिंगापुर और भारत के बीच व्यापार और निवेश को और बढ़ावा देना था।