CJI की बड़ी टिप्पणी, “दो घंटे की बारिश में दिल्ली लकवाग्रस्त हो जाती है”, आखिर क्यों कही ये बात

Edited By Updated: 18 Aug, 2025 02:43 PM

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सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली की ट्रैफिक और जलभराव समस्या को लेकर सख्त टिप्पणी की। मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई ने कहा, “दो घंटे की बारिश में दिल्ली लकवाग्रस्त हो जाती है।” यह...

नेशनल डेस्क : सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली की ट्रैफिक और जलभराव समस्या को लेकर सख्त टिप्पणी की। मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई ने कहा, “दो घंटे की बारिश में दिल्ली लकवाग्रस्त हो जाती है।” यह टिप्पणी उस समय सामने आई जब NHAI ने केरल हाईकोर्ट के एक आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट ने एक खस्ताहाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोल वसूली पर रोक लगा दी थी।

क्या था मामला?
CJI बी. आर. गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस एन. वी. अंजारिया की बेंच उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो केरल हाईकोर्ट द्वारा नेशनल हाईवे-544 पर टोल वसूली बंद करने के आदेश को चुनौती देती है। हाईकोर्ट ने एडापल्ली से मेन्नुथी तक की 65 किलोमीटर लंबी सड़क की बेहद खराब हालत के आधार पर त्रिशूर जिले के पेलियेक्कारा टोल प्लाजा पर टोल वसूली पर रोक लगाई थी।

NHAI के साथ-साथ गुरुवायूर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने भी इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

कोर्ट की नाराजगी और तीखी टिप्पणियां
सुनवाई के दौरान जब एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर लगने वाले जाम का ज़िक्र किया, तो मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि "दिल्ली जैसे शहर में दो घंटे की बारिश में ही पूरा शहर ठप हो जाता है।" इसके साथ ही कोर्ट ने यह सवाल उठाया कि जब सड़कों की हालत इतनी खराब है कि 12 घंटे लंबा ट्रैफिक जाम लगता है, तो लोगों से ₹150 का टोल कैसे वसूला जा सकता है?

लॉरी पलटने पर NHAI का तर्क
NHAI की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि 12 घंटे लंबा जाम इसलिए लगा क्योंकि एक लॉरी पलट गई थी। इस पर कोर्ट ने स्पष्ट कहा, “लॉरी अपने आप नहीं पलटी, गड्ढों की वजह से ऐसा हुआ।” तुषार मेहता ने यह भी जानकारी दी कि जहां अंडरपास निर्माण कार्य चल रहा है, वहां वैकल्पिक मार्ग बनाए गए हैं, लेकिन मानसून के कारण काम में बाधा आई है।

टोल पर कोर्ट का सवाल
जब कोर्ट ने पूछा कि इस 65 किलोमीटर लंबी सड़क के लिए कितना टोल लिया जा रहा है, तो जवाब मिला ₹150। इस पर CJI गवई ने कहा, “कोई ₹150 क्यों देगा अगर उसे 12 घंटे जाम में ही फंसे रहना है? एक घंटे का रास्ता तय करने में लोगों को 11 घंटे ज्यादा लग रहे हैं।” सुनवाई के अंत में सुप्रीम कोर्ट ने NHAI की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब यह देखना अहम होगा कि कोर्ट खराब सड़कों पर टोल वसूली के मामले में क्या फैसला सुनाता है।

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