स्कूल ग्राउंड में ही होगी रामलीला, जानें क्यों सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को बदला

Edited By Updated: 25 Sep, 2025 02:08 PM

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सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में टूंडला स्कूल के मैदान में आयोजित रामलीला को जारी रखने की अनुमति दी है। कोर्ट ने कहा है कि आयोजन से छात्रों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। हाईकोर्ट का प्रतिबंध हटाते हुए कोर्ट ने प्रशासन को वैकल्पिक...

नेशनल डेस्क : सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में चल रही रामलीला के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने टूंडला के एक स्कूल के खेल मैदान में आयोजित हो रही रामलीला को जारी रखने की अनुमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने यह शर्त रखी है कि आयोजन से छात्रों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं होनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस एनके सिंह शामिल थे, ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन और हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सवाल उठाया कि जब यह आयोजन पिछले 100 वर्षों से हो रहा है, तो याचिकाकर्ता ने आखिरी समय में हाईकोर्ट का रुख क्यों किया?

क्या था मामला?
मामला फिरोजाबाद के टूंडला स्थित जिला परिषद विद्यालय के खेल मैदान से जुड़ा है, जहां हर साल रामलीला का आयोजन किया जाता है। हाईकोर्ट में दाखिल एक रिट याचिका में दावा किया गया था कि शाम 7 से 10 बजे के बीच रामलीला के आयोजन से छात्रों को खेल के मैदान का उपयोग करने में असुविधा हो रही है, क्योंकि यह मैदान मुख्य रूप से उनके मनोरंजन के लिए है। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि रामलीला का आयोजन 100 साल से अधिक समय से हो रहा है, लेकिन उन्होंने उत्सव शुरू होने से ठीक पहले हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन का पक्ष सुनने के बाद रामलीला और गरबा जैसे आयोजनों पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश पारित किया था। इस आदेश के बाद सोमवार को रामलीला का मंचन रुक गया, जिससे स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी और तनाव फैल गया था।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि चूंकि समारोह पहले से शुरू हो चुका है, इसे जारी रखा जाए, बशर्ते छात्रों को कोई असुविधा न हो। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि प्रशासन को इस तरह के मामलों में वैकल्पिक समाधान तलाशने चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की इस शिकायत पर भी गौर किया कि उन्हें हाईकोर्ट में प्रतिवादी के रूप में शामिल नहीं किया गया और उनकी अनुपस्थिति में आदेश पारित किया गया। इस मामले की अगली सुनवाई 4 नवंबर, 2025 को निर्धारित की गई है।

स्थानीय लोगों में खुशी की लहर
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से टूंडला में रामलीला के आयोजकों और स्थानीय लोगों में खुशी की लहर है। यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। कोर्ट के आदेश के बाद अब रामलीला का मंचन बिना रोकटोक के जारी रहेगा।
 

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