Edited By Parveen Kumar,Updated: 05 Dec, 2025 07:32 PM

सरकारी स्कूलों में लंबे समय से चल रही उपस्थिति गड़बड़ियों पर अब बड़ा बदलाव होने जा रहा है। शिक्षा विभाग ने एक नई डिजिटल व्यवस्था लागू करने की शुरुआत कर दी है, जिसके बाद शिक्षकों के साथ-साथ बच्चों की हाजिरी भी अब पूरी तरह ऑनलाइन दर्ज होगी।
नेशनल डेस्क: सरकारी स्कूलों में लंबे समय से चल रही उपस्थिति गड़बड़ियों पर अब बड़ा बदलाव होने जा रहा है। शिक्षा विभाग ने एक नई डिजिटल व्यवस्था लागू करने की शुरुआत कर दी है, जिसके बाद शिक्षकों के साथ-साथ बच्चों की हाजिरी भी अब पूरी तरह ऑनलाइन दर्ज होगी।
इस नई व्यवस्था के तहत सभी सरकारी विद्यालयों को बच्चों की संख्या के हिसाब से दो से तीन टैबलेट उपलब्ध कराए गए हैं। स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और नोडल शिक्षकों को गूगल मीट के जरिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है ताकि वे इस डिजिटल सिस्टम का संचालन आसानी से कर सकें।
176 स्कूलों में टैबलेट वितरण पूरा
प्रभारी बीईओ के अनुसार प्रखंड के सभी 176 विद्यालयों- 90 प्राथमिक, 59 मध्य, और 27 उच्च माध्यमिक को टैबलेट उपलब्ध करा दिए गए हैं। इन टैबलेट्स में आवश्यक सभी एप- विशेषकर ई-शिक्षाकोष- पहले से ही इंस्टॉल हैं और इनमें किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ की संभावना नहीं है।
जनवरी के पहले सप्ताह से नई व्यवस्था लागू
नई डिजिटल उपस्थिति प्रणाली जनवरी के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएगी। इसके तहत:
- हर शिक्षक को प्रतिदिन अपने वर्ग के छात्रों का सामूहिक फोटो लेना होगा।
- यह फोटो ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
- प्रत्येक फोटो में हर बच्चे का चेहरा साफ दिखना आवश्यक होगा ताकि वास्तविक उपस्थिति दर्ज हो सके।
मिड-डे मील में फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम
अधिकारियों के अनुसार यह तकनीक सिर्फ उपस्थिति को पारदर्शी नहीं बनाएगी, बल्कि मिड-डे मील में हो रहे फर्जीवाड़े पर भी रोक लगाएगी। अब उपस्थित बच्चों की संख्या और मिड-डे मील लाभार्थियों का आंकड़ा फोटो सहित दर्ज होगा, जिससे गलत रिपोर्टिंग की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी।
शिक्षक और बच्चों की हाजिरी अलग-अलग टैबलेट से
- एक टैबलेट का उपयोग बच्चों की उपस्थिति, मिड-डे मील और स्कूल गतिविधियों के लिए होगा।
- दूसरा टैबलेट शिक्षकों की डिजिटल उपस्थिति दर्ज करने के लिए निर्धारित किया गया है।
शिक्षा व्यवस्था में बढ़ेगी पारदर्शिता
प्रभारी बीईओ ने कहा कि जल्द ही सभी सरकारी स्कूलों में यह प्रणाली पूरी तरह लागू हो जाएगी। सरकार का लक्ष्य है कि हर बच्चे की वास्तविक उपस्थिति और सीखने की स्थिति का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार हो ताकि शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ सके।