Bihar SIR विवाद पर Supreme Court का बड़ा बयान- ECI की कोई भी गलती होने पर पूरी प्रक्रिया होगी रद्द

Edited By Updated: 15 Sep, 2025 04:22 PM

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बिहार में आगामी चुनावों से पहले SIR विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा बयान दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर ECI की इस प्रक्रिया में कोई भी गलती या फिर अवैधता पाई जाती है तो राज्य में पूरे प्रोसेस को रद्द कर दिया जाएगा।

नेशनल डेस्क: बिहार में आगामी चुनावों से पहले SIR विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा बयान दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर ECI की इस प्रक्रिया में कोई भी गलती या फिर अवैधता पाई जाती है तो राज्य में पूरे प्रोसेस को रद्द कर दिया जाएगा। 

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अदालत ने ECI के सामने रखी शर्त-

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने SIR के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि अदालत यह मानकर चल रही है कि constitutional authority होने के नाते ECI ने कानून और नियमों का पालन किया है। कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि अगर सबूतों के आधार पर कोई खामी पाई जाती है, तो सख्त कदम उठाया जाएगा। कोर्ट ने बिहार SIR पर कोई आंशिक फैसला देने से मना कर दिया और कहा कि इसका अंतिम फैसला पूरे देश पर लागू होगा।

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7 अक्टूबर को अंतिम सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में SIR की वैधता पर अंतिम बहस के लिए 7 अक्टूबर की तारीख तय की है। इससे पहले कोर्ट ने 8 सितंबर को एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा था कि बिहार में मतदाता सूची में नाम शामिल करने के लिए आधार कार्ड को 12वें वैध दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाएगा। यह फैसला उन शिकायतों के बाद आया था कि चुनाव अधिकारी आधार कार्ड को स्वीकार करने से इनकार कर रहे थे।

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विपक्ष का आरोप लगाया था बड़ा आरोप-

बिहार में चल रही इस SIR प्रक्रिया की विपक्षी दल कड़ी आलोचना कर रहे हैं। उनका आरोप है कि बिना सही वेरिफिकेशन के लाखों असली मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। चुनाव आयोग द्वारा 18 अगस्त को प्रकाशित ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के अनुसार, SIR प्रक्रिया के तहत 65 लाख नाम हटाए गए हैं। इस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए वोटर लिस्ट में हेरफेर करने का आरोप लगाया था।

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चुनाव आयोग ने आरोपों को किया खारिज

विपक्ष के आरोपों पर चुनाव आयोग ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने राहुल गांधी से कहा है कि वे या तो अपने आरोपों के समर्थन में सबूतों के साथ हलफनामा दाखिल करें या फिर सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। आयोग ने विपक्ष पर मतदाताओं को गुमराह करने का आरोप लगाया है और कहा है कि वोटर लिस्ट में हेरफेर के आरोप निराधार हैं।

 

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