Edited By Pardeep,Updated: 21 Aug, 2025 05:45 AM

क्या आप भी सिरदर्द, हल्की बुखार या एसिडिटी जैसी छोटी समस्याओं में तुरंत दवा ले लेते हैं? अगर हां, तो यह आदत धीरे-धीरे आपके शरीर में जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स की कमी पैदा कर सकती है।
नई दिल्लीः क्या आप भी सिरदर्द, हल्की बुखार या एसिडिटी जैसी छोटी समस्याओं में तुरंत दवा ले लेते हैं? अगर हां, तो यह आदत धीरे-धीरे आपके शरीर में जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स की कमी पैदा कर सकती है। डायटिशियन और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई आमतौर पर ली जाने वाली दवाएं, जैसे कि एस्पिरिन, एंटासिड, पैरासिटामोल, और एंटीबायोटिक्स, न केवल समस्या का अस्थायी समाधान देती हैं, बल्कि शरीर में जरूरी पोषक तत्वों के अवशोषण को भी प्रभावित करती हैं।
डॉ. गरिमा गोयल (डायटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट) के अनुसार, "दवाएं तभी लें जब जरूरत हो, और यदि किसी दवा का लंबे समय तक सेवन करना जरूरी हो, तो उसके साथ पोषण की भरपाई पर भी ध्यान देना चाहिए।"
कौन सी दवा क्या नुकसान पहुंचा सकती है?
एस्पिरिन
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प्रभाव: विटामिन C का अवशोषण घटाता है, आंतों की परत को कमजोर करता है।
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जोखिम: एनीमिया का खतरा (20% तक बढ़ सकता है - ASPREE ट्रायल के अनुसार), आयरन स्टोर में कमी।
पैरासिटामोल (Acetaminophen)
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प्रभाव: शरीर में ग्लूटाथियोन की मात्रा कम करता है।
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जोखिम: लिवर फंक्शन पर असर, और इससे जुड़ी गंभीर बीमारियों जैसे डायबिटीज, कैंसर, और इंफेक्शन का जोखिम बढ़ता है।
बर्थ कंट्रोल पिल्स
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प्रभाव: फोलिक एसिड, विटामिन B2, B6, B12, C, E, मैग्नीशियम, सेलेनियम और जिंक की कमी।
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जोखिम: लंबे समय तक सेवन से थकान, कमजोर इम्यूनिटी, प्रजनन स्वास्थ्य पर असर।
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सुझाव: WHO के अनुसार, लंबी अवधि तक इनका सेवन करने वालों को न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट्स लेने चाहिए।
मेटफॉर्मिन (Metformin)
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प्रभाव: विटामिन B12 के अवशोषण में बाधा।
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जोखिम: नर्व डैमेज (न्यूरोपैथी), हाथ-पैरों में झनझनाहट, कमजोरी।
एंटासिड्स
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प्रभाव: पेट में एसिड बनना कम करते हैं, जिससे विटामिन B12 रिलीज नहीं हो पाता।
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जोखिम: कैल्शियम, पोटैशियम और जिंक की कमी; हड्डियों की कमजोरी, थकान।
स्टैटिन्स (Cholesterol-Lowering Drugs)
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प्रभाव: CoQ10 एंजाइम को कम कर देती हैं।
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जोखिम: मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी, थकावट; दिल की सेहत पर भी असर।
एंटीबायोटिक्स
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प्रभाव: शरीर के अच्छे बैक्टीरिया को भी खत्म कर देती हैं।
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जोखिम: पाचन तंत्र पर असर, इम्यूनिटी कमजोर, मोटापा, एलर्जी, मेटाबॉलिक सिंड्रोम।
स्टेरॉयड्स
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प्रभाव: कैल्शियम, विटामिन D, मैग्नीशियम और पोटैशियम को कम करते हैं।
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जोखिम: हड्डियां कमजोर होना (ऑस्टियोपोरोसिस), मांसपेशियों में ऐंठन, थकान।
लक्षण जो छिपे पोषण की कमी के संकेत हो सकते हैं:
क्या करें? समाधान और बचाव
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दवाओं का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से न्यूट्रिएंट बैलेंस पर बात करें।
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नियमित रूप से ब्लड टेस्ट कराएं ताकि किसी पोषक तत्व की कमी को समय रहते पहचाना जा सके।
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डॉक्टर या डाइटिशियन की सलाह से मल्टीविटामिन सप्लीमेंट्स लें।
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भोजन में शामिल करें: हरी सब्जियां, फल, दालें, नट्स, बीज और प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थ।