Income Tax डिपार्टमेंट ने अपनाया नया तरीका, अब सीधे रडार पर हैं ये टैक्सपेयर्स, जानें इनकी हरकतों पर कैसे रखी जा रही नजर

Edited By Updated: 29 Jul, 2025 07:31 AM

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अगर आप बार-बार AIS (Annual Information Statement) चेक कर रहे हैं लेकिन अभी तक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) नहीं भरा है, तो अब सतर्क हो जाइए। इनकम टैक्स विभाग अब आपकी इस गतिविधि को गंभीरता से ले रहा है और AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से ऐसे...

नेशनल डेस्क: अगर आप बार-बार AIS (Annual Information Statement) चेक कर रहे हैं लेकिन अभी तक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) नहीं भरा है, तो अब सतर्क हो जाइए। इनकम टैक्स विभाग अब आपकी इस गतिविधि को गंभीरता से ले रहा है और AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से ऐसे मामलों की पहचान कर रहा है। जल्द ही आपको ईमेल या SMS के जरिए सीधा अलर्ट मिल सकता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अब केवल दस्तावेज़ी जांच तक सीमित नहीं है, बल्कि अब वह आपकी डिजिटल गतिविधियों को भी ट्रैक कर रहा है। विभाग अब यह देख रहा है कि कौन व्यक्ति पोर्टल पर जाकर बार-बार जानकारी देख रहा है लेकिन रिटर्न नहीं भर रहा। यदि AI को किसी भी तरह की गड़बड़ी का संकेत मिला, तो वो सिस्टम “लाल झंडी” दिखा देता है।

AIS बार-बार विजिट किया, फिर भी फाइलिंग नहीं की?

AIS पोर्टल पर आपकी हर वित्तीय गतिविधि दर्ज होती है—जैसे कहां इन्वेस्ट किया, कितना ब्याज कमाया, शेयर में कितना मुनाफा हुआ आदि।  पिछले साल करीब 40 करोड़ लोगों का डेटा तैयार किया गया लेकिन रिटर्न भरे गए सिर्फ 9 करोड़। एक व्यक्ति ने औसतन 3.5 बार पोर्टल विजिट किया जिससे कुल 24 करोड़ से ज्यादा बार लॉगिन हुए। यह साफ संकेत देता है कि कई लोग या तो गड़बड़ी छुपा रहे हैं या रिटर्न फाइलिंग को नजरअंदाज कर रहे हैं।

फर्जी डिडक्शन पर अब AI बोलेगा “कुछ तो गड़बड़ है दया!”

AI सिस्टम उन मामलों पर खास नजर रख रहा है जहां लोग बिना हक के सेक्शन 80 के तहत छूट का दावा करते हैं। खासकर सेक्शन 80GGC (राजनीतिक चंदे की छूट) में ₹9,000 करोड़ से ज्यादा के फर्जी क्लेम पकड़े गए। इसी तरह जुलाई 2025 में चली मेगा वेरिफिकेशन ड्राइव में पता चला कि 1.5 लाख PAN नंबर ऐसे थे जिनसे फर्जी डिडक्शन जुड़े थे। CBDT (Central Board of Direct Taxes) ने बताया है कि विभाग की नई रणनीति है "Softly Push" यानी लोगों को डराकर नहीं बल्कि समझाकर टैक्स सिस्टम से जोड़ना। इस स्ट्रैटेजी के तहत पहले ईमेल या SMS से चेतावनी दी जाती है और उन्हें फाइलिंग के लिए प्रेरित किया जाता है।

विदेशी संपत्ति और आय पर भी रखी जा रही है नजर

एक खास मामले में 19,501 टैक्सपेयर्स को संपर्क किया गया जब उनकी विदेशी संपत्ति और आय का डेटा मिला। नतीजा यह रहा कि इनमें से 62% लोगों ने तुरंत रिटर्न अपडेट किया। इससे ₹29,208 करोड़ की विदेशी संपत्तियां और ₹1,089 करोड़ की विदेशी आय का खुलासा हुआ।

गलत ईमेल और मोबाइल नंबर से बिगड़ रही योजना

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का डिजिटल सिस्टम तभी काम करेगा जब टैक्सपेयर्स तक सही सूचना पहुंचे। लेकिन बहुत से लोग रिटर्न फाइलिंग के समय एजेंट या ब्रोकर का मोबाइल नंबर और ईमेल डाल देते हैं। इससे विभाग का सीधा संपर्क टूट जाता है और जरूरी सूचना सही टैक्सपेयर्स तक नहीं पहुंचती। CBDT चेयरमैन ने कहा है कि हर टैक्सपेयर को अपना सही मोबाइल नंबर और ईमेल ID देना जरूरी है।

रिटर्न नहीं भरा? अब बहाना नहीं चलेगा

18 जून 2025 तक 89 लाख से ज्यादा लोगों ने अपडेटेड रिटर्न फाइल किया जिससे ₹9,577.06 करोड़ का अतिरिक्त टैक्स सरकार को मिला। इससे साफ है कि टैक्स डिपार्टमेंट अब किसी के भरोसे पर नहीं, बल्कि डेटा एनालिसिस और AI की मदद से हर ट्रांजैक्शन पर नजर रख रहा है।

अब हर हरकत होगी ट्रैक – बदलाव जरूरी है

AIS खोलने से लेकर ऑनलाइन शॉपिंग, बड़े ट्रांजैक्शन, निवेश और विदेशी इनकम तक, सब कुछ AI सिस्टम में दर्ज हो रहा है। अब टैक्स सिस्टम में चुप रहना या अनजान बनना काम नहीं आएगा। अगर आपने अब तक रिटर्न नहीं भरा या किसी तरह का फर्जी क्लेम किया है, तो अभी सुधार लें, क्योंकि अगली बार विभाग की तरफ से SMS या ईमेल आ सकता है – "आपकी प्रोफाइल सिस्टम में चिन्हित की गई है। कृपया समय रहते कार्यवाही करें।"

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