Edited By Anu Malhotra,Updated: 15 Dec, 2025 02:49 PM

तेलंगाना के निर्मल जिले के छोटे से बागपुर ग्राम पंचायत चुनाव में एक वोट ने महिला की किस्मत बदल दी और वह सरपंच बन गईं। इस चुनाव ने साबित कर दिया कि लोकतंत्र में हर एक वोट की अहमियत होती है। गांव की बहू मुत्याला श्रीवेधा ने सरपंच का चुनाव जीतकर यह...
नेशनल डेस्क: तेलंगाना के निर्मल जिले के छोटे से बागपुर ग्राम पंचायत चुनाव में एक वोट ने महिला की किस्मत बदल दी और वह सरपंच बन गईं। इस चुनाव ने साबित कर दिया कि लोकतंत्र में हर एक वोट की अहमियत होती है। गांव की बहू मुत्याला श्रीवेधा ने सरपंच का चुनाव जीतकर यह संदेश दिया कि कभी भी अपने वोट को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
हालांकि श्रीवेधा की जीत की और भी दिलचस्प उस समय बन गई जब यह पता चला कि उनके ससुर मुत्याला इंद्रकरण रेड्डी, जो अमेरिका में काम करते हैं, खास तौर पर अपनी बहू के समर्थन में वोट डालने के लिए अपने पैतृक गांव लौटे। उनका यह कदम साबित करता है कि कभी-कभी एक व्यक्ति का भी प्रयास पूरे चुनाव का रुख बदल सकता है।
चुनाव परिणाम ने यह दर्शाया कि हर वोट की अहमियत होती है। बागापुर ग्राम पंचायत में कुल 426 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें से 378 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मतगणना के बाद यह पता चला कि मुत्याला श्रीवेधा को 189 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी को सिर्फ एक वोट कम, यानी 188 वोट मिले। गिनती के दौरान एक वोट को खराब मानकर गिना नहीं गया, जिससे यह मुकाबला और भी रोमांचक बन गया।
विशेष रूप से, अगर उनके ससुर अमेरिका से वोट डालने के लिए नहीं आते, तो परिणाम कुछ और हो सकता था, और शायद चुनाव टाई में भी बदल जाता। इस जीत ने न सिर्फ बागापुर गांव में, बल्कि पूरे जिले में यह संदेश फैलाया कि लोकतंत्र में हर नागरिक का एक वोट कितना बड़ा बदलाव ला सकता है।