Edited By Shubham Anand,Updated: 11 Sep, 2025 10:42 PM

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में आज मुठभेड़ में दस माओवादी मारे गए, जबकि नारायणपुर जिले में 16 माओवादियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। नारायणपुर पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन गुरिया ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी माओवादी विचारधारा को "खोखली"...
नेशनल डेस्क : छत्तीसगढ़ के गरियाबंद और नारायणपुर जिलों में माओवादी गतिविधियों के खिलाफ सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। गरियाबंद जिले में आज मंगलवार को माओवाद-विरोधी अभियान के दौरान हुई मुठभेड़ में 10 माओवादी मारे गए, वहीं नारायणपुर में 16 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया।
गरियाबंद में मुठभेड़: 10 माओवादी ढेर
रायपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा ने बताया कि गरियाबंद जिले के मैनपुर थाना क्षेत्र के जंगल में मंगलवार सुबह माओवाद-विरोधी अभियान के दौरान सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई। इस ऑपरेशन में विशेष कार्य बल (एसटीएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की कोबरा इकाई (कमांडो बटालियन फॉर रेज़ोल्यूट एक्शन) और अन्य राज्य पुलिस इकाइयां शामिल थीं।
अमरेश मिश्रा ने कहा, "मुठभेड़ में अब तक 10 माओवादियों के शव बरामद किए गए हैं। रुक-रुक कर गोलीबारी अभी भी जारी है।" मुठभेड़ स्थल से हथियार और अन्य सामग्री बरामद की गई है, जिसका विवरण अभी सामने नहीं आया है। यह अभियान माओवादियों के खिलाफ राज्य में चल रहे सघन ऑपरेशनों का हिस्सा है, जिसके तहत सुरक्षाबल उनके गढ़ों को कमजोर करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
नारायणपुर में 16 माओवादियों का आत्मसमर्पण
इसके अलावा, नारायणपुर जिले में बुधवार शाम 16 माओवादियों ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन गुरिया ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों ने संगठन की "खोखली विचारधारा", निर्दोष आदिवासियों पर अत्याचार और आंतरिक मतभेदों से निराशा जताई।
गुरिया ने कहा, "ये सभी निचले स्तर के कैडर थे, जो जनताना सरकार, चेतना नाट्य मंडली और पंचायत मिलिशिया जैसी माओवादी इकाइयों से जुड़े थे। हालांकि उनकी स्थिति पदानुक्रम में कम थी, फिर भी उन्होंने उग्रवाद को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।" आत्मसमर्पण करने वालों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सहायता प्रदान की जाएगी।
माओवाद के खिलाफ सख्त रणनीति
छत्तीसगढ़ में माओवादी गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए सुरक्षाबल लगातार अभियान चला रहे हैं। हाल के महीनों में कई बड़े ऑपरेशन हुए हैं, जिनमें माओवादियों को या तो मार गिराया गया या उन्होंने आत्मसमर्पण किया। गरियाबंद और नारायणपुर की ये घटनाएं राज्य सरकार और सुरक्षाबलों की माओवाद-विरोधी रणनीति की सफलता को दर्शाती हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय और छत्तीसगढ़ सरकार ने बार-बार दोहराया है कि माओवाद को खत्म करने के लिए सख्त कार्रवाई के साथ-साथ विकास और पुनर्वास पर भी ध्यान दिया जा रहा है। नारायणपुर में आत्मसमर्पण इस बात का संकेत है कि माओवादी संगठन में असंतोष बढ़ रहा है, जिसका फायदा सुरक्षाबल उठा रहे हैं।