Edited By Mansa Devi,Updated: 26 Nov, 2025 01:02 PM

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि संविधान औपनिवेशिक मानसिकता को त्यागने और राष्ट्रवादी सोच अपनाने के लिए एक मार्गदर्शक दस्तावेज है। उन्होंने ‘संविधान सदन' (पुराना संसद भवन) के केंद्रीय कक्ष में आयोजित संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते...
नेशनल डेस्क: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि संविधान औपनिवेशिक मानसिकता को त्यागने और राष्ट्रवादी सोच अपनाने के लिए एक मार्गदर्शक दस्तावेज है। उन्होंने ‘संविधान सदन' (पुराना संसद भवन) के केंद्रीय कक्ष में आयोजित संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि भारत दुनिया के लिए विकास का एक नया मॉडल पेश कर रहा है।

उनका कहना था, ‘‘हमारे संविधान निर्माता चाहते थे कि हमारे व्यक्तिगत, लोकतांत्रिक अधिकार हमेशा सुरक्षित रहें। संविधान औपनिवेशिक मानसिकता को छोड़ने और राष्ट्रवादी सोच को अपनाने के लिए मार्गदर्शक दस्तावेज है।'' उन्होंने कहा, ‘‘25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर लाना देश की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है।
महिलाएं, युवा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, किसान, मध्यम वर्ग, नया मध्यम वर्ग हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं।'' उनका कहना था कि संविधान दिवस मनाने की परंपरा आरंभ करने की जितनी भी प्रशंसा की जाए, वो कम है। राष्ट्रपति ने नौ भाषाओं -मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, उड़िया और असमिया में संविधान के डिजिटल संस्करण का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में राष्ट्रपति के नेतृत्व में संविधान की प्रस्तावना का पाठ भी किया गया।