Edited By Harman Kaur,Updated: 15 Jul, 2025 07:19 PM

भारत में आधार कार्ड अब हर काम के लिए अनिवार्य दस्तावेज बन चुका है। खासकर बच्चों के स्कूल एडमिशन से लेकर छात्रवृत्ति तक, हर जगह आधार कार्ड की जरूरत होती है। ऐसे में सरकार ने बच्चों के आधार कार्ड को लेकर नए निर्देश जारी किए हैं।
नेशनल डेस्क: भारत में आधार कार्ड अब हर काम के लिए अनिवार्य दस्तावेज बन चुका है। खासकर बच्चों के स्कूल एडमिशन से लेकर छात्रवृत्ति तक, हर जगह आधार कार्ड की जरूरत होती है। ऐसे में सरकार ने बच्चों के आधार कार्ड को लेकर नए निर्देश जारी किए हैं।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बताया है कि 7 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुके बच्चों के लिए आधार कार्ड में बायोमेट्रिक अपडेट (फिंगरप्रिंट, आईरिस स्कैन आदि) कराना अब अनिवार्य है।
7 साल के बाद लगेगा इतना शुल्क
यूआईडीएआई (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) ने कहा है कि जिन बच्चों ने 7 वर्ष की उम्र पूरी कर ली है, लेकिन उन्होंने अभी तक अपने बायोमेट्रिक अपडेट नहीं कराए हैं, वे माता-पिता या अभिभावक जल्द से जल्द आधार सेवा केंद्रों पर जाकर यह अपडेट कराएं। 5 से 7 वर्ष के बच्चों के लिए बायोमेट्रिक अपडेट नि:शुल्क है, जबकि 7 साल के बाद इसे कराने पर 100 रुपए शुल्क देना होगा।
5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए आधार कार्ड बनवाने के लिए फोटो, नाम, जन्मतिथि, लिंग और पता जैसे दस्तावेजों की जरूरत होती है, लेकिन इस उम्र में उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों का बायोमेट्रिक डेटा नहीं लिया जाता क्योंकि वे पूरी तरह विकसित नहीं होते। बच्चों का पहला बायोमेट्रिक अपडेट 5 साल की उम्र पूरी होने पर अनिवार्य होता है, जिसे एमबीयू (Mandatory Biometric Update) कहा जाता है।
बायोमेट्रिक डेटा का समय पर अपडेट न करने पर आधार कार्ड निष्क्रिय भी किया जा सकता है। यूआईडीएआई ने बताया है कि इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए बच्चों के पंजीकृत मोबाइल नंबरों पर एमबीयू कराने के लिए एसएमएस के जरिए सूचनाएं भेजी जा रही हैं।
सरकार का कहना है कि समय पर बायोमेट्रिक अपडेट कराना बच्चों को स्कूल एडमिशन, छात्रवृत्ति, और डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) जैसी योजनाओं में लाभ दिलाने के लिए जरूरी है। इसलिए माता-पिता और अभिभावक अपने बच्चों के आधार कार्ड को जल्द से जल्द अपडेट कराएं।