Edited By Mansa Devi,Updated: 14 Dec, 2025 12:12 PM

नए लेबर कोड को लेकर कर्मचारियों के बीच टेक-होम सैलरी घटने की आशंका लगातार बनी हुई थी, लेकिन अब सरकार ने इस पर स्थिति स्पष्ट कर दी है। श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कहा है कि नए लेबर कोड लागू होने से कर्मचारियों की सैलरी में कोई कटौती नहीं होगी, क्योंकि...
नेशनल डेस्क: नए लेबर कोड को लेकर कर्मचारियों के बीच टेक-होम सैलरी घटने की आशंका लगातार बनी हुई थी, लेकिन अब सरकार ने इस पर स्थिति स्पष्ट कर दी है। श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कहा है कि नए लेबर कोड लागू होने से कर्मचारियों की सैलरी में कोई कटौती नहीं होगी, क्योंकि भविष्य निधि (PF) की अनिवार्य कटौती अभी भी 15,000 रुपये की वेतन सीमा तक ही सीमित रहेगी।
मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी देते हुए कहा कि यदि PF कटौती वैधानिक वेतन सीमा के अनुसार की जाती है, तो नए लेबर कोड का टेक-होम सैलरी पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। 15,000 रुपये से अधिक वेतन पर अतिरिक्त PF योगदान पूरी तरह स्वैच्छिक (Voluntary) होगा, अनिवार्य नहीं।
PF को लेकर क्यों बढ़ी थी चिंता?
नए लेबर कोड के ऐलान के बाद यह चर्चा तेज हो गई थी कि ‘सैलरी’ की नई परिभाषा के तहत बेसिक वेतन और संबंधित घटक कुल वेतन का कम से कम 50% होंगे। इससे यह आशंका जताई जा रही थी कि PF, ESIC, मेटरनिटी बेनिफिट और अन्य सोशल सिक्योरिटी योगदान बढ़ सकते हैं, जिससे नेट सैलरी कम हो जाएगी। सरकार ने साफ किया है कि EPF की वैधानिक सैलरी लिमिट 15,000 रुपये ही बनी हुई है। यानी PF की अनिवार्य गणना इसी सीमा तक होगी, चाहे वास्तविक बेसिक सैलरी इससे अधिक क्यों न हो।
उदाहरण से समझिए पूरा गणित
मंत्रालय के अनुसार, यदि कोई कर्मचारी 60,000 रुपये मासिक वेतन पाता है, जिसमें 20,000 रुपये बेसिक वेतन + DA और 40,000 रुपये भत्ते शामिल हैं, तो भी स्थिति नहीं बदलेगी।
पुराने नियम के तहत
कर्मचारी PF (12%) = ₹1,800
नियोक्ता PF (12%) = ₹1,800
टेक-होम सैलरी = ₹56,400
नए लेबर कोड के बाद
कर्मचारी PF (12%) = ₹1,800
नियोक्ता PF (12%) = ₹1,800
टेक-होम सैलरी = ₹56,400 (कोई बदलाव नहीं)
नए लेबर कोड में क्या बदलेगा?
नए लेबर कोड के तहत भत्तों को कुल वेतन के 50% तक सीमित करने का प्रावधान है। अगर भत्ते इससे ज्यादा होते हैं, तो अतिरिक्त राशि को वेतन में जोड़ा जाएगा, लेकिन इसका असर PF पर तभी पड़ेगा जब कर्मचारी स्वेच्छा से ज्यादा योगदान देना चाहे।
क्या है नए लेबर कोड का मकसद?
सरकार ने 21 नवंबर को 29 पुराने श्रम कानूनों को मिलाकर चार नए लेबर कोड लागू किए हैं। इनमें वेतन संहिता, औद्योगिक संबंध संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य संहिता शामिल हैं। इनका उद्देश्य श्रमिकों को अधिक सामाजिक सुरक्षा देना और व्यापार करना आसान बनाना है। नए कोड से औपचारिक और अनौपचारिक क्षेत्रों के करोड़ों श्रमिकों के प्रभावित होने की संभावना है।