Edited By Rohini Oberoi,Updated: 05 Nov, 2025 11:14 AM

एक चौंकाने वाली सच्चाई यह है कि हार्ट डिजीज (Heart Disease) आज दुनिया भर में महिलाओं की मौत का सबसे बड़ा कारण बन चुका है। वह पुराना मिथक टूट चुका है कि दिल की बीमारियों का खतरा केवल पुरुषों को होता है। अब आंकड़े बता रहे हैं कि महिलाएं भी इससे उतनी...
नेशनल डेस्क। एक चौंकाने वाली सच्चाई यह है कि हार्ट डिजीज (Heart Disease) आज दुनिया भर में महिलाओं की मौत का सबसे बड़ा कारण बन चुका है। वह पुराना मिथक टूट चुका है कि दिल की बीमारियों का खतरा केवल पुरुषों को होता है। अब आंकड़े बता रहे हैं कि महिलाएं भी इससे उतनी ही बल्कि कुछ मामलों में ज़्यादा प्रभावित हैं। महिलाएं अक्सर अपने लक्षणों को नज़रअंदाज़ कर देती हैं जिससे इलाज में देरी होती है और जोखिम कई गुना बढ़ जाता है।
क्यों बढ़ रहा है महिलाओं में दिल की बीमारियों का खतरा?
हाल के शोध बताते हैं कि महिलाएं कई तरह के जोखिम कारकों (Risk Factors) से घिरी होती हैं जिनका असर उन पर पुरुषों से अलग होता है।
1. डायबिटीज (Diabetes) का खतरा
मधुमेह (Diabetes) से पीड़ित महिलाओं में हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और अचानक हार्ट फेल होने का खतरा पुरुषों की तुलना में कहीं ज़्यादा होता है। हार्ट अटैक के बाद मौत की संभावना भी ऐसी महिलाओं में अधिक पाई जाती है। नियमित जांच, संतुलित आहार और डॉक्टर की सलाह अनुसार दवाएं लें।
2. अनियंत्रित हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension)
60 साल की उम्र के बाद महिलाओं में ब्लड प्रेशर की समस्या ज़्यादा देखी जाती है और इसे कंट्रोल करना भी मुश्किल होता है। नमक का सेवन सीमित करें, नियमित व्यायाम करें और तनाव (Stress) कम करें।
3. हाई कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) का गंभीर असर
महिलाओं में हाई कोलेस्ट्रॉल का असर दिल की बीमारियों पर पुरुषों की तुलना में ज़्यादा गंभीर होता है। डॉक्टर द्वारा दी गई स्टैटिन दवाएं नियमित रूप से लें और तेल, तले हुए तथा मीठे खाने से परहेज़ करें।

4. मोटापा (Obesity)
महिलाओं में मोटापा हार्ट डिजीज का एक बड़ा कारण है क्योंकि वजन बढ़ने से ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर तीनों बढ़ जाते हैं। रोज़ाना 60 से 90 मिनट पैदल चलें, योग या अन्य व्यायाम करें और हेल्दी डाइट लें।
5. फिजिकल इनएक्टिविटी (Physical Inactivity)
व्यस्त जीवनशैली के कारण खुद के लिए समय न निकालना सबसे बड़ी गलती है। इनएक्टिव रहने से दिल की मांसपेशियां कमज़ोर होती हैं और ब्लड फ्लो धीमा पड़ जाता है। हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट नॉर्मल या 75 मिनट तेज़ व्यायाम ज़रूर करें।
6. धूम्रपान (Smoking) और पैसिव स्मोकिंग
धूम्रपान करने वाली महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा पुरुषों से कहीं ज़्यादा होता है खासकर मेनोपॉज़ के बाद। धूम्रपान पूरी तरह छोड़ दें और पैसिव स्मोकिंग से भी बचें।

महिलाओं में विशेष जोखिम कारक (Special Risks in Women)
1. मेनोपॉज़ (Menopause)
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मेनोपॉज़ से पहले एस्ट्रोजन हार्मोन (Estrogen Hormone) दिल को सुरक्षा देता है लेकिन मेनोपॉज़ के बाद जब यह हार्मोन कम हो जाता है तो हार्ट डिजीज का खतरा तेज़ी से बढ़ जाता है।
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बचाव: हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) ज़रूरी नहीं है। महिलाएं मेडिटेशन, एक्सरसाइज और संतुलित आहार जैसे नेचुरल तरीके अपनाएं।
2. प्रेगनेंसी कॉम्प्लीकेशन्स (Pregnancy Complications)
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जिन महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर समय से पहले प्रसव या डायबिटीज की समस्या हुई हो उनमें आगे चलकर हार्ट डिजीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
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बचाव: ऐसी महिलाओं को अपनी मेडिकल हिस्ट्री डॉक्टर को ज़रूर बतानी चाहिए और नियमित जांच करवानी चाहिए।

दिल को हेल्दी रखने के आसान उपाय
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धूम्रपान छोड़ें: यह दिल के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
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एक्टिव रहें: हर दिन कम से कम 30 मिनट तेज़ चलें।
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संतुलित आहार: फल, सब्ज़ियां, साबुत अनाज और मछली का सेवन करें।
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वजन कंट्रोल: BMI 25 से कम और कमर 35 इंच से कम रखें।
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तनाव कम करें: मेडिटेशन (Meditation) करें और पूरी नींद लें।