Edited By Rohini Oberoi,Updated: 26 Oct, 2025 10:32 AM

यह आम धारणा है कि इंसान के मरने के बाद उसका शरीर पूरी तरह से काम करना बंद कर देता है लेकिन यह बात पूरी तरह सच नहीं है। चिकित्सा विज्ञान के अनुसार मृत्यु के बाद भी शरीर के सभी अंग एक साथ काम करना बंद नहीं करते हैं। कुछ महत्वपूर्ण अंग ऐसे होते हैं जो...
नेशनल डेस्क। यह आम धारणा है कि इंसान के मरने के बाद उसका शरीर पूरी तरह से काम करना बंद कर देता है लेकिन यह बात पूरी तरह सच नहीं है। चिकित्सा विज्ञान के अनुसार मृत्यु के बाद भी शरीर के सभी अंग एक साथ काम करना बंद नहीं करते हैं। कुछ महत्वपूर्ण अंग ऐसे होते हैं जो मृत्यु के कई घंटों बाद तक ज़िंदा रहते हैं और यही कारण है कि अंगदान (Organ Donation) के ज़रिए उन अंगों को दान करके दूसरे लोगों की जान बचाई जा सकती है। आइए जानते हैं कि मृत्यु के बाद भी शरीर के कौनसे अंग कब तक ज़िंदा रहते हैं और कौन-सा अंग सबसे आखिर में मरता है।
मृत्यु के बाद भी ज़िंदा रहने वाले अंग (Life Span)
डॉक्टरों के अनुसार शरीर के सभी अंगों का जीवनकाल (Lifespan) अलग-अलग होता है। अंगों को दान करने के लिए उन्हें सुरक्षित और संरक्षित (Preserved) किया जाता है। मृत्यु के बाद शरीर के अंगों का अनुमानित जीवनकाल इस प्रकार है:
| अंग (Organ) |
मृत्यु के बाद जीवित रहने का अनुमानित समय |
| हृदय (Heart) |
4 से 6 घंटे |
| फेफड़े (Lungs) |
4 से 8 घंटे |
| यकृत (Liver) |
8 से 12 घंटे |
| किडनी (Kidney) |
24 से 36 घंटे |
| त्वचा (Skin) |
लगभग 24 घंटे |
| आँखें (Eyes) |
4 से 6 घंटे |
ध्यान दें: यह समय सिर्फ एक अनुमानित समय है और यह कई अन्य कारकों पर भी निर्भर करता है, जैसे कि मृत व्यक्ति की शारीरिक स्थिति और अंग को प्रिजर्व करने का तरीका।
सबसे ज़्यादा देर तक ज़िंदा रहने वाला अंग: किडनी
शरीर में मरने के बाद सबसे ज़्यादा देर तक किडनी (गुर्दे) ही ज़िंदा रहते हैं। यह अंग मृत्यु के बाद भी लगभग 24 से 36 घंटे तक काम कर सकता है इसलिए इसे सबसे टिकाऊ (Durable) अंग माना जाता है। किडनी के इस लंबे जीवनकाल के कारण ही इसे दान करना अपेक्षाकृत आसान होता है और किडनी ट्रांसप्लांट के ऑपरेशन अक्सर सफल होते हैं क्योंकि डॉक्टरों को इसे सही स्थिति में संरक्षित करके प्रत्यारोपित करने का पर्याप्त समय मिल जाता है।
ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन का महत्व
मरने के बाद भी ये ज़रूरी अंग उतने ही महत्वपूर्ण बने रहते हैं जितने कि ज़िंदा होने पर थे।
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प्रक्रिया: ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन (Organ Transplantation) की प्रक्रिया में मृत व्यक्ति के शरीर से अंगों को निकालकर उपयुक्त परिस्थितियों (Suitable Conditions) में संरक्षित किया जाता है और फिर ज़रूरत पड़ने पर एक जीवित व्यक्ति में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है।
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जीवन रक्षक: चूंकि मृत्यु के कई घंटों बाद तक कुछ अंग कार्यात्मक (Functional) रहते हैं इसलिए अंग दान किसी दूसरे व्यक्ति की ज़िंदगी बचाने का सबसे बड़ा जरिया बन जाता है।