साइलेंट किलर के तौर पर काम करती है ये बीमारी! जान बचाने के लिए जानें क्या करें और क्या नहीं

Edited By Updated: 15 Jul, 2025 11:46 AM

this disease acts as a silent killer

ज़िंदगी में कई बार एक पल सब कुछ बदल देता है। एक हँसता-खेलता इंसान अचानक बेहोश हो जाता है और जब तक लोग समझ पाते हैं, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। ऐसी ही एक बेहद खतरनाक और चुपचाप जान लेने वाली स्थिति है ब्रेन हेमरेज।

नेशनल डेस्क: ज़िंदगी में कई बार एक पल सब कुछ बदल देता है। एक हँसता-खेलता इंसान अचानक बेहोश हो जाता है और जब तक लोग समझ पाते हैं, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। ऐसी ही एक बेहद खतरनाक और चुपचाप जान लेने वाली स्थिति है ब्रेन हेमरेज। यह बिना किसी चेतावनी या मौका दिए सीधा दिमाग पर हमला करता है और कुछ ही पलों में सब कुछ खराब कर देता है। एक मिनट की देरी भी ज़िंदगी और मौत के बीच का फासला तय कर सकती है। यही वजह है कि जब भी ब्रेन हेमरेज की आशंका हो तो तुरंत सही कदम उठाना बेहद ज़रूरी हो जाता है।

अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि "अगर किसी को ब्रेन हेमरेज हो जाए तो वह कितनी देर तक ज़िंदा रह सकता है?" क्या अस्पताल पहुँचने का कोई 'गोल्डन टाइम' होता है और सबसे ज़रूरी ऐसी स्थिति में हमें क्या करना चाहिए? इस बारे में डॉक्टर मनीष ने अहम जानकारी दी है कि किन परिस्थितियों में जान बचाई जा सकती है और कब खतरा बहुत बढ़ जाता है।

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ब्रेन हेमरेज के बाद कितनी देर तक ज़िंदा रह सकता है मरीज़?

डॉक्टर मनीष के अनुसार ब्रेन हेमरेज होने के बाद पहले एक से तीन घंटे सबसे नाजुक होते हैं। अगर इस दौरान मरीज़ को तुरंत इलाज न मिले, तो उसकी जान बचाना बेहद मुश्किल हो जाता है। कुछ मामलों में मरीज़ 24 से 48 घंटे तक जीवित रह सकता है, लेकिन इस स्थिति में ब्रेन डैमेज की संभावना काफी बढ़ जाती है। हर गुज़रते मिनट के साथ मस्तिष्क के हिस्से क्षतिग्रस्त होते जाते हैं। यही कारण है कि ब्रेन हेमरेज होने के बाद के पहले एक घंटे को 'जीवन रक्षक समय' कहा जाता है। इस दौरान जल्द से जल्द चिकित्सकीय सहायता मिलना जीवन और मृत्यु का अंतर पैदा कर सकता है।

अगर किसी को ब्रेन हेमरेज हो जाए तो सबसे पहले क्या करें?

ऐसी आपातकालीन स्थिति में तुरंत और सही कदम उठाना बेहद ज़रूरी है:

  • इमरजेंसी सेवा को तुरंत कॉल करें: बिना समय गंवाए 108 या अपने नजदीकी अस्पताल का इमरजेंसी नंबर डायल करें। एम्बुलेंस का इंतज़ार किए बिना, अगर संभव हो तो मरीज़ को तुरंत अस्पताल ले जाने की व्यवस्था करें।
  • व्यक्ति को सीधा लिटाएं और सिर को थोड़ा ऊँचा रखें: इससे दिमाग में रक्त का प्रवाह थोड़ा बेहतर हो सकता है।
  • मुँह में कुछ भी न डालें: बेहोश व्यक्ति के मुँह में पानी, दवा या कोई भी चीज़ डालने की कोशिश न करें। इससे घुटन या साँस की नली में कुछ फँसने का खतरा होता है।
  • साँस की जाँच करें और CPR दें (यदि आवश्यक हो): देखें कि व्यक्ति साँस ले रहा है या नहीं। यदि वह साँस नहीं ले रहा है और आप CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) करना जानते हैं, तो तुरंत शुरू करें और एम्बुलेंस आने तक या अस्पताल पहुँचने तक जारी रखें।
  • तेज़ी से अस्पताल पहुँचाएँ: मरीज़ को बिना किसी देरी के जल्द से जल्द ऐसे अस्पताल में ले जाएँ जहाँ न्यूरोलॉजी फैसिलिटी (न्यूरोलॉजी विभाग) हो। ऐसे अस्पताल में दिमाग से जुड़ी आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर और आवश्यक उपकरण उपलब्ध होते हैं।

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ब्रेन हेमरेज से बचाव के लिए सावधानियाँ:

ब्रेन हेमरेज एक गंभीर स्थिति है लेकिन कुछ सावधानियाँ बरतकर इसके जोखिम को कम किया जा सकता है:

  • हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें: उच्च रक्तचाप ब्रेन हेमरेज का एक प्रमुख कारण है। नियमित रूप से अपने ब्लड प्रेशर की जाँच करवाएँ और डॉक्टर की सलाह से इसे नियंत्रित रखें।
  • धूम्रपान और शराब से दूर रहें: धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुँचाता है, जिससे ब्रेन हेमरेज का खतरा बढ़ जाता है।
  • नियमित हेल्थ चेकअप करवाएँ: नियमित स्वास्थ्य जाँच से आप किसी भी संभावित स्वास्थ्य समस्या का समय रहते पता लगा सकते हैं और उसका इलाज करवा सकते हैं।

ये छोटे-छोटे कदम आपको या आपके प्रियजनों को इस बड़े खतरे से बचा सकते हैं। याद रखें जानकारी और त्वरित कार्रवाई जीवन बचा सकती है।

 

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