Edited By Mehak,Updated: 08 Oct, 2025 01:00 PM

हाल ही में अमेरिकी स्टडी (USC) में खुलासा हुआ है कि फैटी लिवर या MASLD मरीजों में हाई ब्लड प्रेशर मौत का सबसे बड़ा जोखिम बढ़ाता है। डायबिटीज और कम HDL कोलेस्ट्रॉल भी खतरे को बढ़ाते हैं। फैटी लिवर के साथ मोटापा और अन्य मेटाबॉलिक फैक्टर्स होने पर...
नेशनल डेस्क : आज के समय में फैटी लिवर यानी लिवर में फैट जमा होना एक आम समस्या बन गई है। यह बीमारी दो तरह की होती है – Alcoholic fatty liver और Non-alcoholic fatty liver। भारत में कई लोग इससे प्रभावित हैं। हाल ही में अमेरिका की USC (Keck Medicine) की स्टडी ने फैटी लिवर के मरीजों में मेटाबॉलिक फैक्टर्स और मौत के जोखिम पर अहम खुलासा किया है।
MASLD क्या है?
MASLD, जिसे पहले NAFLD (Non-Alcoholic Fatty Liver Disease) कहा जाता था, में लिवर में फैट जमा होने लगता है। इससे धीरे-धीरे सूजन और लिवर डैमेज हो सकता है। यह अक्सर मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं के साथ आती है।
सबसे खतरनाक फैक्टर: हाई ब्लड प्रेशर
स्टडी के अनुसार, MASLD मरीजों में हाई ब्लड प्रेशर मौत का सबसे बड़ा जोखिम पैदा करता है। ऐसा माना जाता था कि डायबिटीज सबसे खतरनाक है, लेकिन शोध से पता चला कि हाई ब्लड प्रेशर होने पर मृत्यु का जोखिम लगभग 40 प्रतिशत बढ़ जाता है। इसका कारण है कि हाई ब्लड प्रेशर ब्लड वेसल्स और हार्ट पर दबाव डालता है और लिवर तक रक्त प्रवाह को प्रभावित करता है।
दूसरा फैक्टर: डायबिटीज या प्रीडायबिटीज
MASLD के मरीजों में डायबिटीज या प्रीडायबिटीज भी खतरे को बढ़ा देती है। स्टडी बताती है कि इससे मौत का जोखिम करीब 25 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। बढ़ता हुआ ब्लड शुगर और इंसुलिन रेजिस्टेंस लिवर समेत कई ऑर्गन्स पर नकारात्मक असर डालता है।
तीसरा फैक्टर: HDL कोलेस्ट्रॉल
अगर MASLD मरीज का गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) कम है तो मौत का जोखिम 15 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। HDL खराब फैट को बर्न करने और सूजन कम करने में मदद करता है। जब यह कम होता है, तो शरीर की सुरक्षा कमजोर हो जाती है।
मोटापा और अन्य फैक्टर्स
स्टडी में यह भी बताया गया है कि यदि किसी MASLD मरीज में हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कम HDL और मोटापा सभी हैं, तो उसका जोखिम एक फैक्टर वाले मरीज से कई गुना अधिक होता है।
MASLD से बचाव के उपाय
- डायबिटीज को कंट्रोल करें और कार्बोहाइड्रेट सेवन पर ध्यान दें।
- रोजाना एक्सरसाइज करें।
- ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर की नियमित निगरानी करें।
- लिपिड प्रोफाइल सुधारें, विशेष रूप से HDL बढ़ाएं।
- हेल्दी वजन बनाए रखें।
- हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं और कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।
- डॉक्टर के साथ मिलकर रूटीन बनाएं जो ब्लड प्रेशर, शुगर, कोलेस्ट्रॉल और वजन नियंत्रित रखने में मदद करे।