Edited By Tanuja,Updated: 30 Jul, 2025 12:36 PM

: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंध निगरानी दल ने अपनी नई रिपोर्ट में खुलासा किया है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बड़े आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन
International Desk: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंध निगरानी दल ने अपनी नई रिपोर्ट में खुलासा किया है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बड़े आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने दो बार ली थी। रिपोर्ट में कहा गया कि TRF ने हमले के तुरंत बाद घटनास्थल की तस्वीर भी जारी की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल 22 अप्रैल को पहलगाम के एक पर्यटक स्थल पर हुए इस हमले में 26 नागरिकों की जान चली गई थी । रिपोर्ट में लिखा है कि इस हमले को पांच आतंकवादियों ने अंजाम दिया था। संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट के अनुसार, यह हमला पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के सहयोग के बिना मुमकिन नहीं था।
रिपोर्ट में एक सदस्य देश के हवाले से कहा गया कि टीआरएफ और लश्कर-ए-तैयबा के बीच गहरे रिश्ते हैं जबकि कुछ देशों ने दावा किया कि TRF, लश्कर का ही दूसरा नाम है। हालांकि, एक सदस्य देश ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि लश्कर-ए-तैयबा अब निष्क्रिय हो चुका है । रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि टीआरएफ ने हमले के अगले दिन फिर से जिम्मेदारी ली थी, लेकिन 26 अप्रैल को उसने अचानक अपना दावा वापस ले लिया और इसके बाद कोई बयान नहीं दिया। रिपोर्ट में कहा गया कि क्षेत्रीय हालात अब भी नाजुक हैं और आतंकवादी संगठन इस स्थिति का फायदा उठा सकते हैं।
अमेरिका ने इसी महीने टीआरएफ को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बयान जारी कर दोषियों को सजा दिलाने की बात कही थी। हालांकि, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में बताया कि पाकिस्तान के दबाव में टीआरएफ का नाम सुरक्षा परिषद के बयान से हटा दिया गया था। भारत ने इस हमले के जवाब में पाकिस्तान और पीओके में छिपे आतंकवादी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दक्षिण एशिया में अब भी इस्लामिक स्टेट-खुरासान बड़ा खतरा बना हुआ है।