Edited By Pardeep,Updated: 16 Sep, 2025 11:32 PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फोन किया और उनके 75वें जन्मदिन से पहले उन्हें शुभकामनाएं दीं, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की उम्मीद जगी है। वाशिंगटन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाकर 50 प्रतिशत...
इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फोन किया और उनके 75वें जन्मदिन से पहले उन्हें शुभकामनाएं दीं, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की उम्मीद जगी है। वाशिंगटन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था।
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में मोदी ने कहा कि ट्रंप की तरह वह भी भारत-अमेरिका व्यापक एवं वैश्विक साझेदारी को ‘‘नई ऊंचाइयों'' पर ले जाने के लिए ‘‘पूरी तरह से'' प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को यह भी बताया कि यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में उनकी पहल का भारत समर्थन करता है। ट्रंप ने कहा कि मोदी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और उन्होंने यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने में प्रधानमंत्री के सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन ऐसे दिन किया, जब भारत और अमेरिका ने प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर नई दिल्ली में वार्ता का एक नया दौर आयोजित किया।
मोदी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा, "मेरे मित्र राष्ट्रपति ट्रंप, मेरे 75वें जन्मदिन पर आपके फोन कॉल और बधाई के लिए धन्यवाद।" उन्होंने कहा, "आपकी तरह मैं भी भारत-अमेरिका व्यापक एवं वैश्विक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हूं।" उन्होंने कहा, "हम यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में आपकी पहल का समर्थन करते हैं।" ट्रंप का यह फोन कॉल प्रधानमंत्री के 75वें जन्मदिन से एक दिन पहले आया।
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर कहा, "अभी-अभी अपने मित्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फोन पर बहुत अच्छी बातचीत हुई। मैंने उन्हें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं दीं! वह बहुत अच्छा काम कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, "नरेन्द्र: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध समाप्त करने में आपके समर्थन के लिए धन्यवाद।"
अमेरिका द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने के बाद यह पहली फोन कॉल है, जिसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह दोनों नेताओं द्वारा सोशल मीडिया पर संदेशों के आदान-प्रदान के कुछ दिनों बाद हुई है, जिसमें संबंधों को फिर से बेहतर बनाने की मंशा का संकेत दिया गया था।
ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर शुल्क को बढ़ाकर 50 प्रतिशत किए जाने के बाद नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे, जिसमें भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल था। भारत ने अमेरिकी कार्रवाई को "अनुचित और अविवेकपूर्ण" बताया।
पिछले कुछ सप्ताह में व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो सहित ट्रंप प्रशासन के कई अधिकारियों ने भारत को निशाना बनाने के लिए आक्रामक भाषा का प्रयोग किया है, विशेष रूप से रूस के साथ उसके ऊर्जा संबंधों पर। रूस से कच्चे तेल की खरीद का बचाव करते हुए भारत यह कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की गतिशीलता से प्रेरित है। इससे पहले दिन में भारत और अमेरिका ने व्यापार वार्ता का एक नया दौर आयोजित किया। भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा कि दोनों पक्षों ने नई दिल्ली में आयोजित एक-दिवसीय बैठक के दौरान व्यापार वार्ता के अगले कदमों पर चर्चा की।
दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा, “अमेरिका के सहायक व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच ने 16 सितंबर को नई दिल्ली में वाणिज्य मंत्रालय के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल से मुलाकात की। बैठक में द्विपक्षीय व्यापार वार्ता के अगले चरणों पर चर्चा हुई।”
एक हफ्ते पहले ही मिले थे संकेत
इस हफ्ते की शुरुआत में ही दोनों देशों की ओर से संकेत मिल चुके थे कि वे अब व्यापारिक गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में गंभीर हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट Truth Social पर लिखा था कि: "मुझे खुशी है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार बाधाओं को हटाने पर बातचीत फिर से शुरू हो गई है। पीएम नरेंद्र मोदी मेरे अच्छे मित्र हैं और मैं आने वाले हफ्तों में उनसे बात करने को लेकर उत्साहित हूं।"
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भी सार्वजनिक तौर पर कहा था कि भारत जल्द से जल्द व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए प्रतिबद्ध है।