Edited By Rohini Oberoi,Updated: 08 Sep, 2025 09:50 AM

शहरों में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और उनके हमलों की घटनाओं को देखते हुए नगर विकास विभाग ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब आवारा कुत्तों को कहीं भी खाना नहीं खिलाया जा सकेगा बल्कि इसके लिए शहरों में विशेष 'फीडिंग जोन' बनाए जाएंगे। ये नए नियम कुत्तों...
नेशनल डेस्क। शहरों में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और उनके हमलों की घटनाओं को देखते हुए नगर विकास विभाग ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब आवारा कुत्तों को कहीं भी खाना नहीं खिलाया जा सकेगा बल्कि इसके लिए शहरों में विशेष 'फीडिंग जोन' बनाए जाएंगे। ये नए नियम कुत्तों की देखभाल को व्यवस्थित करने और आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लाए गए हैं।
कहां बनेंगे फीडिंग जोन?
नई गाइडलाइन के अनुसार फीडिंग जोन ऐसी जगहों पर बनाए जाएंगे जहां बच्चों के पार्क, स्कूल, अस्पताल कॉलोनियों के गेट या भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थल न हों। नगर निगम के अधिकारियों ने बताया है कि कुत्तों को खाना खिलाने वाले लोगों को साफ-सफाई का भी ध्यान रखना होगा। इसके अलावा उन्हें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जिन कुत्तों को खाना खिलाया जा रहा है उनका समय-समय पर टीकाकरण और नसबंदी (बंध्याकरण) हो।

कुत्तों की नसबंदी पर जोर
गाइडलाइन में कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण पर खास जोर दिया गया है। नगर निगम इस काम के लिए पंजीकृत पशु कल्याण संस्थाओं के साथ मिलकर अभियान चलाएगा। जो लोग और संस्थाएं इसमें सहयोग करेंगी उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा।
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एक पूर्व सोसायटी अध्यक्ष रश्मि चौधरी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे आवारा कुत्तों के हमले कम होंगे और उनकी देखभाल भी बेहतर तरीके से हो पाएगी।
आक्रामक कुत्तों के लिए विशेष व्यवस्था
नगर निगम ने यह भी स्पष्ट किया है कि आक्रामक स्वभाव वाले कुत्तों को चिह्नित करके सुरक्षित स्थानों पर रखा जाएगा ताकि आम जनता को कोई परेशानी न हो। इसके अलावा जो लोग कुत्तों को गोद लेकर बाद में उन्हें सड़कों पर छोड़ देते हैं उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

90,000 से ज्यादा कुत्तों की नसबंदी बाकी
जिले में अभी भी लगभग 90 हजार से ज्यादा आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण होना बाकी है। नगर निगम के पास केवल दो एबीसी सेंटर हैं जहां प्रतिदिन सिर्फ 50 कुत्तों का बंध्याकरण हो सकता है। अनुमान है कि इस काम में 10 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आएगा।