Edited By Anu Malhotra,Updated: 09 Sep, 2025 01:39 PM

उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 का राजनीतिक रोमांच अपने चरम पर पहुंच चुका है। जहां एक ओर एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है, वहीं कुछ अहम दलों की चुप्पी और निष्क्रियता ने इस मुकाबले को और भी दिलचस्प बना दिया है। आज, 9 सितंबर, को...
नेशनल डेस्क: उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 का राजनीतिक रोमांच अपने चरम पर पहुंच चुका है। जहां एक ओर एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है, वहीं कुछ अहम दलों की चुप्पी और निष्क्रियता ने इस मुकाबले को और भी दिलचस्प बना दिया है। आज, 9 सितंबर, को एनडीए के प्रत्याशी सी. पी. राधाकृष्णन और विपक्षी INDIA ब्लॉक के उम्मीदवार, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही थी। लेकिन चुनाव से महज कुछ घंटे पहले बीजेडी (BJD), बीआरएस (BRS) और अकाली दल जैसी अहम पार्टियों द्वारा वोटिंग से दूरी बनाने के ऐलान ने समीकरण पूरी तरह बदल दिए हैं।
अब क्या दिख रही है तस्वीर?
इस चुनाव में वोट केवल संसद के सदस्य यानी लोकसभा और राज्यसभा सांसद ही डालते हैं। लोकसभा में 542 और राज्यसभा में 239 सांसद हैं - इस हिसाब से कुल 781 सांसद वोटिंग में भाग लेने के पात्र हैं। किसी उम्मीदवार को जीत के लिए 391 से अधिक वोट की जरूरत होगी।
NDA के पास पहले से ही एक मजबूत संख्या है - लगभग 425 सांसद। यदि YSR कांग्रेस पार्टी और कुछ अन्य सहयोगी दलों का समर्थन मिला तो यह आंकड़ा बढ़कर 436 तक पहुंच सकता है। इसके उलट, INDIA गठबंधन के पास बीजेडी और बीआरएस की अनुपस्थिति के चलते अब सीमित समर्थन ही बचा है।
वोटिंग प्रक्रिया और संभावित क्रॉस वोटिंग
मतदान गुप्त बैलट के जरिए होगा, जिससे क्रॉस वोटिंग की संभावना बनी रहती है। यही वजह है कि अंतिम समय तक किसी भी पक्ष की जीत को पक्के तौर पर घोषित नहीं किया जा सकता। हालांकि, जिस तरह से विपक्ष के कुछ साथी दल पीछे हट गए हैं, उससे यह संकेत ज़रूर मिल रहा है कि एनडीए के उम्मीदवार की राह अब पहले से कहीं आसान हो गई है।