वक्फ बिल पर बड़ा विवाद, 5 प्रमुख कारणों से क्यों नाराज हैं मुसलमान?

Edited By Mahima,Updated: 02 Apr, 2025 11:50 AM

waqf bill why are muslims angry due to 5 main reasons

वक्फ संशोधन विधेयक में किए गए बदलावों को लेकर मुस्लिम समुदाय में नाराजगी है। इसमें वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करना, लिमिटेशन एक्ट लागू करना, सरकार का बढ़ता नियंत्रण, गैर-मुसलमानों की एंट्री, और वक्फनामा की अनिवार्यता जैसे प्रावधान हैं।...

नेशनल डेस्क: वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) आज लोकसभा में पेश किया जाएगा और यह विधेयक कई कारणों से मुस्लिम समुदाय में गहरी नाराजगी का कारण बन गया है। मुस्लिम संगठनों के अलावा विपक्ष भी इस बिल का विरोध कर रहा है। वक्फ बिल के तहत किए गए संशोधनों से कई लोग असहमत हैं और इसका असर वक्फ संपत्तियों और मुस्लिम धार्मिक संस्थाओं पर पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि इस विधेयक में कौन से ऐसे बदलाव किए गए हैं, जिनसे मुस्लिम समाज नाराज है।

1. वक्फ संपत्तियों का संकट
वक्फ बिल के तहत यह प्रावधान किया गया है कि अगर वक्फ बोर्ड की संपत्ति का रजिस्टर मौजूद नहीं है, तो उसे 6 महीने बाद कोर्ट में कानूनी सहायता नहीं मिल पाएगी। ध्यान रहे कि भारत में कई वक्फ संपत्तियाँ 500 से 600 साल पुरानी हैं, जिनके दस्तावेज या रजिस्टर उपलब्ध नहीं हैं। इसके कारण इन संपत्तियों पर कानूनी विवाद खड़ा हो सकता है, जिससे मस्जिदों, कब्रिस्तानों और वक्फ स्कूलों को नुकसान हो सकता है। मुस्लिम समुदाय का मानना है कि इससे उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर खतरे में पड़ सकती है।

2. लिमिटेशन एक्ट की नई दिक्कतें
वक्फ बिल में एक और बदलाव किया गया है, जिसमें वक्फ बोर्ड को लिमिटेशन एक्ट 1963 के तहत लाया गया है। इसका मतलब है कि अगर कोई व्यक्ति 12 साल या उससे अधिक समय तक वक्फ संपत्ति पर कब्जा करता है, तो वक्फ बोर्ड इस संदर्भ में कानूनी मदद नहीं ले सकेगा। यह प्रावधान मुस्लिम समुदाय को चिंतित कर रहा है, क्योंकि इसके तहत वक्फ संपत्तियों का स्वामित्व बदल सकता है और धार्मिक संपत्तियाँ भी गैर-मुस्लिमों के हाथों में जा सकती हैं।

3. सरकार का बढ़ता नियंत्रण
नए कानून के तहत यह भी प्रावधान किया गया है कि वक्फ बोर्ड की सभी संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा, और रजिस्ट्रेशन का अधिकार अब जिला कलेक्टर के पास होगा। इसके अलावा, केंद्रीय वक्फ काउंसिल में केंद्र सरकार तीन सांसदों को नियुक्त कर सकती है, जो जरूरी नहीं कि मुस्लिम हों। इसका मतलब है कि सरकार का वक्फ बोर्ड पर अधिक नियंत्रण होगा, और इसे लेकर मुस्लिम समुदाय में डर है कि उनका धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन हो सकता है।

VIDEO | Parliament Budget Session: On Waqf Amendment Bill, AIMIM chief Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) says, "I can say that we will participate in debate, move the amendment, we will tell how this Bill is unconstitutional, how it is against Muslim's freedom of religion, how it… pic.twitter.com/fbR2HJyKRo

— Press Trust of India (@PTI_News) April 1, 2025

4. गैर-मुसलमानों की एंट्री और महिलाओं की भागीदारी
वक्फ बिल के तहत यह भी प्रस्तावित किया गया है कि वक्फ बोर्ड में 2 महिलाएँ और 2 गैर-मुसलमानों को शामिल करना अनिवार्य होगा। मुस्लिम समुदाय का कहना है कि यह बदलाव इस्लामिक परंपराओं और धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ है। इसके अलावा, बिल में यह भी कहा गया है कि केवल वही व्यक्ति वक्फ संपत्ति दान कर सकते हैं, जो कम से कम 5 साल से इस्लाम का पालन कर रहे हों। इस प्रावधान से वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता पर सवाल उठ रहे हैं, और इसे समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप माना जा रहा है।

5. वक्फनामा की अनिवार्यता
इस्लामिक परंपरा के अनुसार, मौखिक रूप से भी वक्फ संपत्ति दान की जा सकती थी, लेकिन नए कानून के तहत यह अनिवार्य किया गया है कि वक्फ डीड (वक्फनामा) के बिना कोई भी संपत्ति वक्फ बोर्ड की नहीं मानी जाएगी। इसके लिए दान का एक कानूनी दस्तावेज होना आवश्यक होगा। मुस्लिम समुदाय का कहना है कि यह परिवर्तन इस्लामिक परंपराओं के खिलाफ है, क्योंकि मौखिक वक्फ को मान्यता दी जाती थी और इसे बदलने से वक्फ की धार्मिक भावना पर असर पड़ सकता है।

Shame on BJP for pushing the draconian #WaqfAmendmentBill! This blatant attack on Muslim rights will destroy Waqf properties & autonomy. Oppose this injustice!

BJP wants to seize the lands of Muslims through the Waqf Bill.#SayNoToWaqfBill #WaqfBill#WaqfBoard pic.twitter.com/RLvOdFRT2t

— KHAN (@Khansofindia1) April 1, 2025

6. हाई कोर्ट में अपील की अनुमति
वर्तमान में, यदि वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति पर दावा करता है, तो उसे ट्रिब्यूनल में ही अपील की जा सकती है और ट्रिब्यूनल का निर्णय अंतिम होता है। लेकिन नए विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले को अब हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी। यह बदलाव भी विवाद का कारण बन रहा है, क्योंकि इससे ट्रिब्यूनल की स्वायत्तता में कमी आ सकती है और इसे सरकार द्वारा नियंत्रित किए जाने की संभावना हो सकती है। कुल मिलाकर, वक्फ बिल में किए गए ये संशोधन मुस्लिम समुदाय के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। कई लोग इसे उनके धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन मानते हैं और उनका मानना है कि इससे वक्फ बोर्ड और अन्य धार्मिक संस्थाओं की स्वायत्तता प्रभावित हो सकती है। इस बिल का विरोध बढ़ने के बावजूद, सरकार इसे संसद में पेश करने की तैयारी कर रही है। 

 

 

 

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