'मुसलमान से हिंदू बनने पर हर महीने मिलेगा 3 हजार रुपये', महाकुंभ में पूर्व अध्यक्ष का बड़ा ऐलान

Edited By Updated: 13 Feb, 2025 01:09 PM

wasim rizvi announced 3 thousand rupees converting from muslim to hindu

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में वसीम रिजवी (जितेंद्र नारायण त्यागी) ने एक अहम घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि जो मुस्लिम परिवार सनातन धर्म को अपनाएंगे, उन्हें प्रति माह तीन हजार रुपये दिए जाएंगे।

नेशनल डेस्क: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में वसीम रिजवी (जितेंद्र नारायण त्यागी) ने एक अहम घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि जो मुस्लिम परिवार सनातन धर्म को अपनाएंगे, उन्हें प्रति माह तीन हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके साथ ही कारोबार करने के इच्छुक परिवारों को शुरूआत करने के लिए भी मदद की जाएगी। यह घोषणा वसीम रिजवी ने महाकुंभ में संगम में स्नान करने के बाद की थी। वसीम रिजवी, जो पहले शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष थे, इस समय एक नई पहल के साथ सामने आए हैं। उनका कहना है कि वे मुस्लिम समुदाय के लोगों को सनातन धर्म में घर वापसी के लिए प्रेरित कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि मुस्लिम परिवार अपने पूर्वजों के धर्म में लौटें और इसका लाभ उठाएं। उनका कहना था, "मैं पूरे देश के मुसलमानों से अनुरोध करता हूं कि वे सनातन धर्म में वापसी के बारे में विचार करें। इस पवित्र भूमि से मैं उनका आह्वान करता हूं।"  बता दें जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी, जिनका पूर्व नाम वसीम रिज़वी है, यूपी में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष थे।

3 हजार रुपये और कारोबार में मदद

वसीम रिजवी ने महाकुंभ में स्नान के बाद कहा कि उनका संगठन मुस्लिम परिवारों को सनातन धर्म में शामिल होने के लिए प्रति माह तीन हजार रुपये की सहायता देगा। उन्होंने कहा कि यह राशि तब तक दी जाएगी जब तक वह परिवार पूरी तरह से सनातन धर्म में समाहित न हो जाए। इसके साथ ही वे छोटे कारोबार के लिए भी मुस्लिम परिवारों को मदद प्रदान करेंगे।
 


कट्टरपंथी मानसिकता से बाहर आने की अपील

वसीम रिजवी ने आगे कहा कि जिहादी मानसिकता को छोड़कर सनातन धर्म अपनाना बहुत जरूरी है। उनका मानना है कि जो लोग इस्लाम से बाहर आकर सनातन धर्म को अपनाएंगे, वे समाज में एक बेहतर बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा, "आपको कट्टरपंथी मानसिकता से बाहर निकलना होगा। केवल अपनी खुशी से सनातन धर्म में घर वापसी करें। सनातन धर्म आपका स्वागत करता है।"

इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू बने थे वसीम रिजवी

वसीम रिजवी ने तीन साल पहले इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया था। उन्होंने अपना नाम वसीम रिजवी से बदलकर जितेंद्र नारायण त्यागी रखा था। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरी ने उन्हें पूरी विधि विधान से सनातन धर्म में प्रवेश कराया था। रिजवी ने उस वक्त कहा था कि जब इस्लाम ने उन्हें छोड़ दिया तो उनकी मर्जी है कि वे किसी भी धर्म को अपना सकते हैं, और उन्होंने सनातन धर्म को चुना क्योंकि यह दुनिया का सबसे पुराना धर्म है।

मुस्लिम समुदाय से घर वापसी की अपील

वसीम रिजवी ने कहा कि उनका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के लोगों को सनातन धर्म की ओर आकर्षित करना है। वे चाहते हैं कि अधिक से अधिक मुस्लिम लोग अपनी पहचान और अपने इतिहास से जुड़ें। इसके लिए वे अपने संगठन का निर्माण कर रहे हैं, जिससे मुस्लिम परिवारों को सनातन धर्म में घर वापसी के लिए सहायता मिल सके। वसीम रिजवी की यह पहल देशभर में चर्चा का विषय बन चुकी है। लोग उनकी सोच और इस कदम को लेकर अलग-अलग राय रख रहे हैं, लेकिन उनका मुख्य उद्देश्य मुस्लिमों को सनातन धर्म की ओर लाना है।


 

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