Edited By Mehak,Updated: 27 Sep, 2025 05:20 PM

मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान प्रोफेसर डॉक्टर पी. मुरली दोराईस्वामी ने AI और मेडिकल साइंस पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि AI डॉक्टरों की जगह नहीं लेगा, बल्कि जो डॉक्टर AI का इस्तेमाल नहीं करेंगे, उनकी जगह यह ले सकता है। AI संवेदनशील जांच कर...
नेशनल डेस्क : मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दूसरे दिन बॉलीवुड सितारों से लेकर राजनीति से जुड़ी कई हस्तियों ने हिस्सा लिया और विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखी। इस दौरान Artifical Intelligence पर भी गहन चर्चा हुई। Human Mind vs Machine Mind: The Race for Superintelligence सत्र में प्रोफेसर डॉ. पी. मुरली दोराईस्वामी शामिल हुए। डॉ. मुरली भारतीय वैज्ञानिक और मनोचिकित्सक हैं तथा अमेरिका की ड्यूक यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।"
AI डॉक्टरों की नौकरी लेगा या नहीं?
इस सेशन में सवाल किया गया कि क्या AI डॉक्टरों की जॉब छीन लेगा। प्रोफेसर पी. मुरली ने स्पष्ट किया, 'AI डॉक्टरों की जगह नहीं लेगा, लेकिन जो डॉक्टर AI का इस्तेमाल नहीं करेंगे, उनकी जगह AI ले सकता है।' उनका मानना है कि डॉक्टरों को तकनीक के साथ चलना होगा और AI को अपनाना होगा।
तकनीक से डरें नहीं, इसे अपनाएं
पी. मुरली ने बताया कि AI बाकी उपकरणों की तरह ही एक सहायक तकनीक है। उन्होंने कहा, 'जैसे X-ray मशीन या स्टेथोस्कोप डॉक्टर की मदद करते हैं, वैसे ही AI भी मेडिकल जांच में संवेदनशीलता बढ़ाता है। AI कई छोटी-छोटी चीजें पकड़ सकता है जो इंसान की आंख से छूट जाती हैं। उदाहरण के लिए, एक आम MRI स्कैन को AI से देखने पर छोटे घाव आसानी से पहचान में आ जाते हैं।' उनका कहना है कि इंसान और AI मिलकर सबसे सटीक डायग्नॉस और ट्रीटमेंट दे सकते हैं।
प्रोफेसर से पूछा गया सवाल
प्रोफेसर से सवाल किया गया कि क्या उनकी नौकरी सुरक्षित है। पी. मुरली ने कहा, 'मुझे लगता है मेरी नौकरी सुरक्षित है, क्योंकि मैं खुद रिसर्च में शामिल हूं और तकनीक का इस्तेमाल करता हूं।'