हो गया बड़ा ऐलान: इस राज्य की सरकार 10 लाख जीविका दीदियों के खाते में भेजेगी ₹10-10 हजार, नोट कर लें तारीख

Edited By Updated: 27 Nov, 2025 04:47 PM

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बिहार में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में सरकार ने एक बार फिर ठोस कदम उठाया है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत राज्य की करीब 10 लाख जीविका दीदियों को 14 दिसंबर तक उनके बैंक खातों में 10-10 हजार रुपये की पहली किस्त दी जाएगी। अब तक इस योजना के...

नेशनल डेस्क: बिहार में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में सरकार ने एक बार फिर ठोस कदम उठाया है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत राज्य की करीब 10 लाख जीविका दीदियों को 14 दिसंबर तक उनके बैंक खातों में 10-10 हजार रुपये की पहली किस्त दी जाएगी। अब तक इस योजना के लाभार्थियों की संख्या 1 करोड़ 40 लाख महिलाओं तक पहुंच चुकी है।

इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना और उन्हें स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है। राज्य सरकार का मानना है कि महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता न केवल उनके जीवन स्तर को सुधारती है, बल्कि पूरे परिवार और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।

रोजगार के अवसर बढ़ाने का संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा है कि योजना से महिलाओं को न केवल अपनी आर्थिक जरूरतें पूरी करने का मौका मिलेगा, बल्कि वे अपनी पसंद का व्यवसाय शुरू कर रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकेंगी। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि निर्धारित तारीख तक सभी पात्र महिलाओं के खातों में राशि पहुंच जाए।

योजना के तहत प्रत्येक परिवार की एक महिला को अपनी पसंद का रोजगार शुरू करने के लिए पहली किस्त के रूप में 10 हजार रुपये दिए जाएंगे। व्यवसाय शुरू होने के बाद, योजना के तहत महिलाओं को आवश्यकतानुसार 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी दी जा सकती है। इससे न केवल महिलाओं का सशक्तिकरण होगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

पात्रता और शर्तें
योजना में परिवार से आशय पति-पत्नी और उनके अविवाहित बच्चों से है। अगर कोई अविवाहित महिला अपने माता-पिता के बिना रहती है, तो उसे एकल परिवार माना जाएगा। शहरी क्षेत्रों के स्वयं सहायता समूहों की सभी महिला सदस्य इस योजना का लाभ ले सकती हैं।

इसके अलावा योजना में आवेदन करने वाली महिला की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। महिला या उसके पति आयकर दाता नहीं होने चाहिए, और न ही दोनों में से कोई सरकारी नौकरी में कार्यरत होना चाहिए। जो महिलाएं शहरी स्वयं सहायता समूहों की सदस्य नहीं हैं, उन्हें सदस्य बनाकर योजना का लाभ दिलाया जा सकता है।

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