Edited By PTI News Agency,Updated: 09 Aug, 2021 05:01 PM
नयी दिल्ली, नौ अगस्त (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गुवाहाटी के अनुसंधानकर्ताओं ने जैविक तरीके से नष्ट होने वाली और कम कीमत की ऐसी कंपोजिट पारदर्शी फिल्म का अविष्कार किया है जिससे घाव की ड्रेसिंग की जा सकती है।
नयी दिल्ली, नौ अगस्त (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गुवाहाटी के अनुसंधानकर्ताओं ने जैविक तरीके से नष्ट होने वाली और कम कीमत की ऐसी कंपोजिट पारदर्शी फिल्म का अविष्कार किया है जिससे घाव की ड्रेसिंग की जा सकती है।
अनुसंधान करने वाले दल के अनुसार, यह पदार्थ सिंथेटिक पॉलीमर पर आधारित है और जहरीली प्रकृति का नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे नमी पैदा होगी जिससे शरीर खुद अपने अंदर निर्मित एंजाइम से घाव भर सकेगा। यह पदार्थ अन्य उपलब्ध पदार्थों की तुलना में पचास प्रतिशत सस्ता है। यह शोध ‘इंटरनेशल जर्नल ऑफ बायोलॉजिकल मैक्रोमॉलिक्यूल्स’ नामक शोध पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
आईटी गुवाहाटी में पीएचडी की छात्रा अरित्रा दास ने कहा, “घाव की ड्रेसिंग के लिए आमतौर पर रुई, सूती कपड़े जैसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। घाव से निकलने वाले तरल को रोकने के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता है ताकि घाव जल्दी भर सके। ऐसे पदार्थों को हटाने पर दर्द होता है और इससे उन ऊतकों को भी नुकसान हो सकता है जो ठीक हो गई हैं।”
उन्होंने कहा कि पॉलीविनाइल अल्कोहल नामक सिंथेटिक पॉलीमर और नेचुरल पॉलीमर स्टार्च के ‘इंटीग्रेशन’ से कम कीमत वाला जैविक प्रक्रिया से नष्ट होने वाला और पारदर्शी हाइड्रोजेल बनाया गया है।
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