चिंतन शिविर में हुए मंथन के बाद युवा कांग्रेस चुनाव प्रक्रिया में सुधारों के लिए तैयार

Edited By Updated: 18 May, 2022 06:33 PM

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नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) कांग्रेस के हालिया चिंतन शिविर में पार्टी की युवा इकाई के संगठन के चुनावों को लेकर कई वरिष्ठ नेताओं के विरोध के बाद भारतीय युवा कांग्रेस चुनाव की प्रक्रिया में जरूरी सुधारों के लिए तैयार है।

नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) कांग्रेस के हालिया चिंतन शिविर में पार्टी की युवा इकाई के संगठन के चुनावों को लेकर कई वरिष्ठ नेताओं के विरोध के बाद भारतीय युवा कांग्रेस चुनाव की प्रक्रिया में जरूरी सुधारों के लिए तैयार है।

संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों का यह भी कहना है कि युवा कांग्रेस के चुनाव में ‘परिवारवाद’ और ‘धनबल’ के हावी रहने के आरोप में सत्यता नहीं है, लेकिन अगर कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता सुधार का कोई भी उचित सुझाव देते हैं तो उस पर अमल करने के लिए वे तैयार हैं।

उदयपुर में 13-15 मई को हुए कांग्रेस के चिंतन शिविर के दौरान युवा कांग्रेस के चुनाव को लेकर भी गंभीर मंथन हुआ। सूत्रों के अनुसार, पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने इस चुनाव का पूरी तरह विरोध किया तो कुछ ने इसकी प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए।

सूत्रों का कहना है कि पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार ने भी युवा कांग्रेस की चुनाव की प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े किए और कहा कि मौजूदा व्यवस्था में सामान्य परिवारों के लोगों का आगे आना मुश्किल है।

कांग्रेस के मोर्चा संगठनों का प्रभारी रहने के दौरान राहुल गांधी ने युवा कांग्रेस में चुनाव की प्रक्रिया आरंभ करवाई थी।
कांग्रेस के कई नेताओं की ओर से चुनाव का विरोध किए जाने पर युवा कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘चिंतन शिविर के दौरान कुछ नेताओं ने चुनाव का विरोध किया। कुछ लोगों ने प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े किए थे। हमारा मानना है कि हर संगठन में सुधार की गुंजाइश होती है। हम चुनाव प्रक्रिया में सुधार के लिए तैयार हैं। कोई भी उचित सुझाव आएगा तो उस पर हम जरूर कदम उठाएंगे। हमने चिंतन शिविर के दौरान भी इस पर सहमति जताई थी।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘अभी चुनाव प्रक्रिया में बदलाव का कोई निर्णय नहीं हुआ है। लेकिन आने वाले समय में इसकी चर्चा होगी कि सुधार कैसे हो सकता है।’’
युवा कांग्रेस की चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े करने वाले एक युवा नेता ने कहा, ‘‘चुनाव प्रक्रिया में कुछ खामियां स्पष्ट तौर पर दिखती हैं। सदस्यता अभियान और सदस्यता शुल्क के भुगतान की प्रक्रिया में सुधार हो सकता है। कोशिश यह होनी चाहिए कि चुनावों पर परिवारवाद और धनबल का कम से कम असर हो।’’
भारतीय युवा कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘‘परिवारवाद का आरोप सत्य नहीं है। देश के सिर्फ तीन राज्यों-शहरों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और मुंबई में युवा कांग्रेस के अध्यक्ष ऐसे हैं जिनके पिता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। इन लोगों ने भी कई वर्ष तक संगठन की सेवा की है और इसके बाद अध्यक्ष बने हैं।’’
उनका यह भी कहना था, ‘‘देश के 80 प्रतिशत से अधिक प्रांतों और केंद्रशासित राज्यों में युवा कांग्रेस के अध्यक्ष ऐसे हैं जो जमीन से ऊपर उठकर आए हैं। चुनाव की प्रक्रिया आरंभ होने से पहले भी कई नेताओं के पुत्र युवा कांग्रेस अध्यक्ष बने थे। धनबल के आरोप में भी सच्चाई नहीं है।’’


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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