भाजपा संसदीय बोर्ड से हटाए गए गडकरी और चौहान, येदियुरप्पा सहित छह नए चेहरे शामिल

Edited By Updated: 17 Aug, 2022 04:58 PM

pti state story

नयी दिल्ली, 17 अगस्त (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को अपनी सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई संसदीय बोर्ड से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तथा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को हटा दिया। नवगठित संसदीय बोर्ड में कर्नाटक के...

नयी दिल्ली, 17 अगस्त (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को अपनी सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई संसदीय बोर्ड से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तथा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को हटा दिया। नवगठित संसदीय बोर्ड में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और पंजाब के सिख नेता इकबाल सिंह लालपुरा सहित छह नए चेहरों को शामिल किया गया है।

पार्टी ने चुनावी टिकटों के बंटवारे के लिहाज से सबसे अहम केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) का भी पुनर्गठन किया और इससे केंद्रीय मंत्री जुएल ओरांव और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन की छुट्टी कर दी गई है। सीईसी में नए चेहरों के रूप में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पूर्व राष्ट्रीय महासचिव ओम माथुर को जगह दी गई है।

सीईसी में संसदीय बोर्ड के सभी सदस्यों के अलावा आठ अन्य सदस्य होते हैं। चूंकि गड़करी और चौहान संसदीय बोर्ड का सदस्य होने के नाते सीईसी के सदस्य थे, इसलिए पार्टी की इस महत्वपूर्ण इकाई से भी उनकी छुट्टी हो गई है।

पार्टी की ओर से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, राज्यसभा सदस्य व पार्टी के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लक्ष्मण, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा, पूर्व सांसद सुधा यादव और वरिष्ठ दलित नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया को संसदीय बोर्ड का सदस्य बनाया गया है।

पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संगठन महासचिव बीएल संतोष पहले से ही संसदीय बोर्ड के सदस्य हैं। संतोष संसदीय बोर्ड के सचिव हैं।

भाजपा संविधान के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष के अलावा 10 अन्य संसदीय बोर्ड के सदस्य हो सकते हैं। पार्टी का अध्यक्ष संसदीय बोर्ड का भी अध्यक्ष होता है। अन्य 10 सदस्यों में संसद में पार्टी के नेता को शामिल किया जाना जरूरी है। पार्टी के महासचिवों में से एक को बोर्ड का सचिव मनोनीत किया जाता है।

चौहान एकमात्र मुख्यमंत्री है जो लंबे समय से संसदीय बोर्ड के सदस्य थे। शाह जब 2014 में भाजपा के अध्यक्ष बने थे तब उन्होंने चौहान को संसदीय बोर्ड में जगह दी थी। शाह ने उस वक्त वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को संसदीय बोर्ड से हटाकर मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया था।

संसदीय बोर्ड के पुनर्गठन में भाजपा ने सामाजिक और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व का भी खासा ख्याल रखा है। भाजपा संसदीय बोर्ड में जगह बनाने वाले लालपुरा पहले सिख नेता हैं। वह इसमें अल्पसंख्यक समुदाय का प्रतिनिधित्व करेंगे। सोनोवाल पूर्वोत्तर भारत से ताल्लुक रखने वाले पहले आदिवासी नेता हैं, जिन्हें भाजपा संसदीय बोर्ड में जगह दी गई है।

महिलाओं के प्रतिनिधि के तौर पर सुधा यादव को इसमें शामिल किया गया है जबकि के लक्ष्मण ओबीसी समुदाय से आते हैं और वह तेलंगाना से ताल्लुक रखते हैं। येदियुरप्पा कर्नाटक से हैं और वह वहां के प्रभावी लिंगायत समुदाय से आते हैं। इस प्रकार से संसदीय बोर्ड में दक्षिण से दो नेताओं को जगह दी गई है। कर्नाटक और तेलंगाना में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

भाजपा ने केंद्रीय चुनाव समिति से जिन नेताओं को हटाया है उनमें गडकरी और चौहान के अलावा केंद्रीय मंत्री जुएल ओरांव और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन शामिल हैं।

नयी सीईसी में संसदीय बोर्ड के सभी सदस्यों के अलावा भूपेंद्र यादव, फडणवीस और ओम माथुर को जगह दी गई है। पार्टी की महिला मोर्चा की अध्यक्ष होने के नाते वनथी श्रीनिवासन केंद्रीय चुनाव समिति की पदेन सदस्य होंगी। उनसे पहले विजया रहातकर महिला मोर्चा की अध्यक्ष होने की वजह से सीईसी की पदेन सदस्य थीं। रहातकर की जगह श्रीनिवासन को 2022 में महिला मोर्चा के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

इन बदलावों के बाद बाद संसदीय बोर्ड और सीईसी में अब कोई भी पद खाली नहीं है। वर्ष 2020 में भाजपा का अध्यक्ष बनने के बाद नड्डा ने पहली बार इनमें परिवर्तन किया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और सुषमा स्वराज के निधन तथा एम वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति और थावरचंद गहलोत के राज्यपाल बन जाने के बाद से संसदीय बोर्ड में कई रिक्तियां थी।

भाजपा सूत्रों ने बताया कि संसदीय बोर्ड में जगह देकर पुराने कार्यकर्ताओं और उनके अनुभवों का सम्मान करते हुए उन्हें ‘‘पुरस्कृत’’ किया गया है।

उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा, जटिया और लक्ष्मण ने पार्टी के लिए अपना जीवन खपा दिया और पार्टी के उभार में अहम योगदान दिया है।

पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘‘इन बदलावों में विविधता पर भी जोर दिया गया है। सोनोवाल पूर्वोत्तर से हैं तो येदियुरप्पा और लक्ष्मण दक्षिण से हैं। लालपुरा के रूप में सिख समुदाय का भी इसमें प्रतिनिधित्व है।’’
उन्होंने कहा कि सुधा यादव ने राजनीति में खुद अपना मुकाम बनाया है, जिनके पति करगिल के युद्ध में शहीद हो गए थे।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!