ICMR का चौंकाने वाला खुलासा: हर 3 में से 1 बच्चा हृदय रोग के खतरे में, बचाव के लिए जरूर अपनाएं ये उपाय

Edited By Updated: 03 Oct, 2025 06:33 PM

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देश में बच्चों और किशोरों में हृदय रोग और हाइपरटेंशन का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। ICMR की स्टडी में सामने आया है कि हर तीन में से एक बच्चा हृदय रोग के जोखिम में है। दिल्ली को ‘हाइपरटेंशन कैपिटल’ कहा जा रहा है। 5-9 साल के बच्चों में हाई...

नेशनल डेस्क : देश में बच्चों और किशोरों में हृदय रोग और हाइपरटेंशन का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। हालात इतने चिंताजनक हैं कि छोटे-छोटे बच्चे भी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की एक हालिया स्टडी के अनुसार, हर तीन में से एक बच्चा हृदय रोग के जोखिम के साथ जी रहा है। दिल्ली, जो पहले प्रदूषण की राजधानी के रूप में कुख्यात थी, अब हाइपरटेंशन की राजधानी बन चुकी है।

बच्चों में हाई ट्राइ-ग्लिसरॉइड का खतरा

ICMR की स्टडी के मुताबिक, 5 से 9 साल की उम्र के बच्चों के खून में फैट्स की मात्रा खतरनाक स्तर पर पहुंच रही है। खासकर हाई ट्राइ-ग्लिसरॉइड, जो भविष्य में हार्ट अटैक का कारण बन सकता है, बच्चों में तेजी से बढ़ रहा है। पश्चिम बंगाल इस मामले में सबसे आगे है, जहां 67% बच्चे हाई ट्राइ-ग्लिसरॉइड की समस्या से जूझ रहे हैं। असम में यह आंकड़ा 57% और जम्मू-कश्मीर में 50% है। शहरी बच्चों में 40% तक लिपिड डिसऑर्डर की समस्या देखी जा रही है। इसके पीछे प्रमुख कारण हैं प्रोसेस्ड फूड, सॉफ्ट ड्रिंक्स और लंबे समय तक स्क्रीन टाइम।

हाइपरटेंशन का बढ़ता बोझ

दिल्ली में 10% किशोर हाई ब्लड प्रेशर (बीपी) की समस्या से ग्रस्त हैं। उत्तर प्रदेश और मणिपुर भी इस मामले में पीछे नहीं हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे ‘साइलेंट एपिडेमिक’ करार दिया है। स्टडी में चेतावनी दी गई है कि यदि बचपन में ही ट्राइ-ग्लिसरॉइड और LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) का स्तर बढ़ा हुआ है, तो 20-25 साल की उम्र तक हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ सकता है। खराब डाइट और बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल बच्चों की सेहत को तेजी से बिगाड़ रहा है। यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो अगली पीढ़ी को हृदय रोग और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां पहले से भी कम उम्र में जकड़ लेंगी।

हाइपरटेंशन के लक्षण

हाई ब्लड प्रेशर के लक्षणों में सिरदर्द, सीने में दर्द, चिड़चिड़ापन, सांस लेने में तकलीफ, नसों में झनझनाहट और चक्कर आना शामिल हैं। हाई बीपी के कारण रेटिना डैमेज, नजर कमजोर होना, स्ट्रोक, याददाश्त कमजोर होना, सांस फूलना, हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर और किडनी डैमेज जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। सामान्य ब्लड प्रेशर का स्तर 120/80 के आसपास होता है। हाई बीपी में यह 140/90 या इससे अधिक और लो बीपी में 90/60 के आसपास हो सकता है।

बीपी और हृदय रोग से बचाव के उपाय

हाइपरटेंशन और हृदय रोग से बचने के लिए कुछ आसान उपाय अपनाए जा सकते हैं:

हेल्दी डाइट: प्रोसेस्ड फूड और सॉफ्ट ड्रिंक्स से परहेज करें। लौकी का सूप, जूस या सब्जी बीपी और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मददगार है।

वजन नियंत्रण: 1 किलो वजन कम करने से बीपी 1 पॉइंट तक कम हो सकता है।

नमक कम करें: दिन में 5 ग्राम से ज्यादा नमक न लें।

व्यायाम: रोजाना 30 मिनट की वर्कआउट से बीपी 5-8 पॉइंट तक कम हो सकता है।

योग और मेडिटेशन: तनाव कम करने के लिए नियमित योग और मेडिटेशन करें।

काढ़ा: 1 चम्मच अर्जुन की छाल, 2 ग्राम दालचीनी और 5 तुलसी के पत्तों को उबालकर काढ़ा बनाएं और रोज पिएं।

जीवनशैली: समय पर खाना खाएं, पर्याप्त पानी पिएं, और अल्कोहल व स्मोकिंग से बचें।

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