विदेश जाने का ‘खतरनाक तरीका’ ‘डंकी रूट’ या ‘डंकी फ्लाइट’!

Edited By ,Updated: 18 Jan, 2024 05:10 AM

dangerous way to go abroad  donkey route or donkey flight

कनाडा में नौकरियों के लिए मारामारी के कारण वहां रहने वाले भारतीय छात्र अब न तो कुछ कमा पा रहे हैं और न बचत कर पा रहे हैं। छात्रों को किराए पर मकान नहीं मिल रहे और मजबूरन 6-6, 8-8 छात्रों को स्टोर रूमों या घरों के बेसमैंटों में रहना पड़ रहा है।

कनाडा में नौकरियों के लिए मारामारी के कारण वहां रहने वाले भारतीय छात्र अब न तो कुछ कमा पा रहे हैं और न बचत कर पा रहे हैं। छात्रों को किराए पर मकान नहीं मिल रहे और मजबूरन 6-6, 8-8 छात्रों को स्टोर रूमों या घरों के बेसमैंटों में रहना पड़ रहा है। हालांकि कनाडा सरकार अब अपने देश में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या सीमित करने जा रही है परंतु बेहतर जिंदगी की चाहत में हाल ही के वर्षों में भारतीयों का विदेश जाने का मोह कम नहीं हो रहा। इसके लिए वे अवैध तरीके भी अपना रहे हैं जिनमें से एक है ‘डंकी रूट’ या ‘डंकी फ्लाइट’। 

15 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने अवैध दस्तावेजों के आधार पर लोगों को ‘डंकी रूट’ द्वारा यूरोपीय देशों में भेजने के आरोप में 9 लोगों को गिरफ्तार करके एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया। आरोपी फर्जी वर्क परमिटों के बदले प्रत्येक यात्री से 15 लाख रुपए तक वसूल कर रहे थे। युवा, जिनमें से अधिकांश अकुशल कामगार होते हैं, अपनी जान खतरे में डाल कर अमरीका, इंगलैंड या कनाडा पहुंच रहे हैं। ट्रैवल एजैंसियां गारंटीशुदा वीजा दिलाने का वादा करके ग्राहकों को लुभाती हैं। कुछ एजैंसियां तो वैध हैं परंतु कुछ ऐसी भी हैं जिनके तरीके सही नहीं हैं। ग्राहक अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए इन्हें भारी रकमों का भुगतान करके खतरनाक यात्राएं करते हैं। इस यात्रा के बीच कई ऐसे पड़ाव भी आते हैं जहां इन लोगों को खतरनाक रास्तों से होते हुए जहाजों, माल ढोने वाले कंटेनरों और तेल के टैंकरों में छिप कर एक-देश से दूसरे देश की यात्रा करनी पड़ती है। 

एजैंट इन्हें जाली दस्तावेज, रैजीडैंसी परमिट और ड्राइविंग लाइसैंस आदि भी उपलब्ध करवाते हैं जिसके लिए वे अलग से कीमत वसूल करते हैं।  अमरीका में अवैध प्रवेश के लिए मैक्सिको, निकारागुआ जैसे मध्य अमरीकी देशों के रास्तों का इस्तेमाल भी किया जाता है। अमरीका में ‘डंकी फ्लाइट’ के दो महत्वपूर्ण रास्ते कनाडा बार्डर और मैक्सिको बार्डर हैं। अमरीका पहुंचने में कई सप्ताह या महीने लग जाते हैं और इसमें एक तरह से पूरा गिरोह काम करता है। ग्राहक को आगे से आगे विभिन्न दलालों को ‘बेचा’ जाता है। ये लोग कई देशों से होते हुए अमरीका पहुंचते हैं। पहले उन्हें मध्य पूर्व या यूरोप के किसी देश में ले जाया जाता है, वहां से अगला पड़ाव अफ्रीका या दक्षिण अमरीका होता है और फिर इधर-उधर घुमाकर मैक्सिको बार्डर से अमरीका पहुंचाया जाता है। इतना जोखिम उठाने के बाद भी मंजिल तक पहुंचने की गारंटी नहीं होती। जो लोग पकड़े जाते हैं उन्हें या तो वापस भेज दिया जाता है या जेल यात्रा करनी पड़ती है और कई बार लोगों की जान भी चली जाती है। 

जनवरी, 2022 में अमरीका-कनाडा बार्डर के निकट तूफान में घिर कर 4 लोगों की मौत भी हो गई थी। कहा जाता है कि जनवरी, 2023 में भी एक एजैंट के जरिए अहमदाबाद से अमरीका के लिए निकले 9 लोग गिरफ्तार किए गए थे जिनका आज तक कोई अता-पता नहीं। 1 जनवरी, 2023 से पहले भारतीय बिना वीजा के सॢबया जाकर वहां से अवैध रूप से यूरोपीय देशों को चले जाते थे। ट्रैवल एजैंट उन्हें दिल्ली से सॢबया के लिए सीधी उड़ान भराते और बेलग्रेड में उतारते थे। यहां से उन्हें हंगरी और आस्ट्रिया ले जाया जाता था, जिसकी सीमा इटली, स्विट्जरलैंड व जर्मनी से लगती है। भारतीय अवैध रूप से वहां पहुंच जाते थे, परंतु अब सॢबया ने भारतीयों के लिए वीजा मुक्त यात्रा बंद कर दी है। कुल मिलाकर विदेश जाने का यह तरीका जोखिम भरा और प्राणों को खतरे में डालने वाला है। अत: जान जोखिम में डाल कर भारी रकम खर्च करके विदेश जाने से बेहतर यह है कि अपने ही देश में इतनी रकम खर्च करके कोई सम्मानजनक व्यवसाय शुरू कर लिया जाए।—विजय कुमार 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!